बजंरग दल को बैन करने को लेकर कांग्रेस के अपने ही दिग्गज नेता ने उठाए सवाल, कहा- बजरंग बली को छेड़ने की क्या जरूरत? चुनावी नतीजों में होगा बड़ा फेरबदल
बजरंग बली पर 'नूरा कुश्ती' बजंरग दल को बैन करने को लेकर कांग्रेस के अपने ही दिग्गज नेता ने उठाए सवाल, कहा- बजरंग बली को छेड़ने की क्या जरूरत? चुनावी नतीजों में होगा बड़ा फेरबदल
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं। इसी को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने सोमवार यानी 2 मई को अपना मेनिफेस्टो जारी किया जिसमें तमाम लोक लुभावन वादे किए गए। उन्हीं वादों में से एक ऐसा वादा है जो कांग्रेस पार्टी के लिए अब गले की फांस बनता जा रहा है। बाहरी तो बाहरी पार्टी के वरिष्ठ नेता भी सवाल खड़े कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि इसकी क्या जरूरत थी?
दरअसल, कांग्रेस ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया है कि आने वाले एक साल में राज्य में शांति बहाल करने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और बजरंग दल जैसे संगठनों पर नकेल कंसा जाएगा। इन्हें पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाएगा ताकि प्रदेश में किसी तरह की कोई अशांति न फैलें। अभी इस मामले पर बीजेपी कांग्रेस को घेर ही रही थी इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रवक्ता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी ही पार्टी से सवाल पूछा है कि इस घोषणा की क्या जरूरत थी। अभी जहरीला वाला सांप पीछा छोड़ा नहीं कि ये घोषणा कर दी गई।
अपने ने ही उठाए सवाल
कर्नाटक में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस बड़ा आश्वस्त नजर आ रही है। लेकिन बजरंग दल को बैन करने की बात कह कर पार्टी मुश्किलों में पड़ती हुई नजर आ रही है। जिसको देखते हुए आर्चाय प्रमोद कृष्णन ने ट्वीटर पर कहा, "जहरीला "सांप" अभी तक "गले" में पड़ा हुआ है, बजरंग बली को "छेड़ने" की क्या जरूरत थी....?"
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) May 3, 2023
खड़गे के इस बयान पर मचा था हंगामा
आपको बता दें कि, हाल ही में कर्नाटक के एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। जिसके बाद से सियासत गर्मा गई थी। खड़गे ने कहा था, पीएम मोदी जहरीले सांप की तरह है और जो इसे चखेगा वो मरेगा। इस बयान के आने के बाद से ही अभी तक राजनितिक गरमाई हुई है। इसी बीच बजरंग दल वाला मुद्दा उठाकर कांग्रेस कर्नाटक चुनाव में सियासत का पारा हाई कर दिया है।
बीजेपी के लिए होगा फायदेमंद?
वहीं अब बजरंग दल को बैन करने को लेकर कर्नाटक राज्य की सियासत गरमा गई है। दक्षिण राज्य की सियासत को सही से समझने वालों का कहना है कि बीजेपी इस मुद्दे को भुनाकर प्रदेश की जनता को साधने का काम करेगी। सियासी पंडितों का ये भी कहना है कि बीजेपी को इन मुद्दों की काफी जरूरत है क्योंकि प्रदेश में उसके खिलाफ एंटी इनकंमबेंसी है और हिंदुत्व वाली छवि भाजपा को बजरंग दल के रूप में तुरुप का इक्का मिल गया है। जिसे वो लपके बिना तो मानने वाली नहीं है।