जयस के चुनावी मैदान में प्रत्याशी उतारने के ऐलान से चिंता में कांग्रेस, कमलनाथ ने कहा जयस के डीएनए में कांग्रेस
युवाओं को मौका देगा जयस जयस के चुनावी मैदान में प्रत्याशी उतारने के ऐलान से चिंता में कांग्रेस, कमलनाथ ने कहा जयस के डीएनए में कांग्रेस
- निर्णायक भूमिका में एसटी वोट
डिजिटल डेस्क, भोपाल। जय आदिवासी युवा शक्ति यानि जयस पार्टी ने कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका दिया है। जयस ने ऐलान किया है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी करीब 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारेगी। पार्टी की इस घोषणा के बाद से कांग्रेस सदमे में आ गई है।
भास्कर हिंदी संवाददाता से बात करते हुए जयस संरक्षक डॉ हीरालाल अलावा ने बताया कि जयस की ज्यादातर पकड़ आदिवासी युवाओं में है। डॉ अलावा का कहना है कि जयस युवाओं को अधिक से अधिक मौका देना चाहती है। हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में जयस समर्थित सैकड़ों प्रतिनिधी चुनाव जीते। जयस प्रमुख का कहना है कि हमारी पार्टी अधिक से अधिक युवा आदिवासी विधायकों को विधानसभा में भेजना चाहती है। ताकि एसटी समुदाय को संवैधानिक अधिकार मिल सकें। जो अभी तक नहीं मिले।
दरअसल जयस संरक्षक डॉ हीरालाल अलावा ने कहा है कि आने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी करीब 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। हालांकि पिछले चुनाव में डॉ अलावा खुद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। जयस संरक्षक का कहना है कि प्रदेश में आरक्षित 47 अनुसूचिच जनजाति सीटों के अलावा 20 अन्य सीटों पर जहां एसटी वोट निर्णायक भूमिका में होता है, वहां जयस अपने कैंडिडेट इलेक्शन में खड़ा करेगी। डॉ अलावा ने इसके पीछे की वजह आदिवासियों की आवाज को उठाना बताया गया है। जयस ने कांग्रेस पर विधानसभा में आदिवासियों की आवाज न उठाने का आरोप लगाया है।
जयस के ऐलान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि जयस में कांग्रेस का डीएनए है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि जयस जहां जीतेगा, वहां कांग्रेस उन्हें टिकट देने के लिए तैयार हैं। मैं जयस के लोगों से निरंतर संपर्क में हूं। कांग्रेस नेता जयस के पांच ग्रुप बताते हुए कहा कि जो जीतेगा उसे हम टिकट देंगे। पूर्व सीएम ने आगे कहा कि जयस बीजेपी को कतई समर्थन नहीं करेगी।
जयस के फैसले से कांग्रेस को अधिक नुकसान होना बताया जा रहा है। क्योंकि पिछले चुनावों में एसटी के लिए आरक्षित 47 सीटों में 31 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। राज्य की करीब 80 सीटों पर आदिवासी मतदाताओं का प्रभाव है लेकिन अब जयस के इंडीपेंडेंट कैंडिडेट उतारने के ऐलान से कांग्रेस को 2023 विधानसभा चुनाव में काफी नुकसान हो सकता है।