कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सचिन पायलट को नहीं किया शामिल, पार्टी के ये सभी दिग्गज नेता शामिल
कांग्रेस के स्टार प्रचारक कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सचिन पायलट को नहीं किया शामिल, पार्टी के ये सभी दिग्गज नेता शामिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान की सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी ने बुधवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम तो शामिल है लेकिन सचिन पायलट का नाम शामिल नहीं है। यह हाल तब है जब पार्टी ने कर्नाटक चुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारकों का नाम जारी किया है। इससे पहले गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने पायलट को बतौर स्टार प्रचारकों के रूप में शामिल किया था। इसके अलावा हिमाचल में भी उन्हें पार्टी ने चुनाव जितवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसे उन्होंने बखूबी निभाया था। लेकिन हाल के कुछ दिनों में वो राज्य में अपनी ही सरकार के खिलाफ मौर्चा खोले बैठे हैं। ऐसे में उनका नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटा तो अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
ये सभी नेता लिस्ट में शामिल
पार्टी की ओर से जारी किए गए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम शामिल है। इसके अलावा मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और सुखविंदर सिंह सुक्खू इस बार के कर्नाटक चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार-प्रसार करते हुए दिखाई देंगे। कांग्रेस ने बीजेपी से आए छह बार के विधायक और पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार को भी स्टार प्रचारक बनाया है।
साथ ही, डी के शिवकुमार, सिद्धारमैया, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, बीके हरिप्रसाद से लेकर मोहम्मद अजरुद्दीन, इमरान प्रतापगढ़ी, शशि थरूर, राज बब्बर और युवा नेता कन्हैया कुमार तक को भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल है। लेकिन इस लिस्ट में कही भी सचिन पायलट को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भी नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। लेकिन ये दोनों नेता गुजरात चुनाव में स्टार प्रचारक के तौर पर थे। कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
क्या है पार्टी की रणनीति?
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच आपसी विवाद 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही जारी है। लेकिन इस साल अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह लड़ाई चरम पर पहुंचती हुई दिखाई दे रही है। 2020 की बगावत के बाद से 'सब्र' करके बैठे रहे सचिन पायलट इन दिनों काफी हमलावर हैं। पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच कराने को लेकर पार्टी के नेताओं ने जनता से वादा किया था, लेकिन उनकी सरकार ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। पिछले दिनों सचिन पायलट ने पार्टी के खिलाफ जाकर अनशन किया था तब कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई।
हालांकि, पार्टी के आलाकमान की ओर से इस पर नाराजगी जाहिर की गई थी। तब राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पायलट के इस अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया। तब पार्टी ने पायलट के खिलाफ एक्शन की आशंका जाहिर की। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि स्टार प्रचारकों की लिस्ट से पायलट की छुट्टी उसके लिए संकेत और चेतावनी के तौर पर है।