बंगाल की तर्ज पर चन्नी का बयान कांग्रेस की सोची समझी चुनावी रणनीति
भईया का बहाना केजरीवाल पर निशाना बंगाल की तर्ज पर चन्नी का बयान कांग्रेस की सोची समझी चुनावी रणनीति
- बयानों में सत्ता के शह मात का खेल
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में है। पार्टियों की ओर से एक दूसरे पर तीखे हमले किए जा रहे है। राजनीति के दांव पेच में हर दल एक दूसरो को मात देने के लिए मैदान में है। कांग्रेस सीएम चन्नी के नेतृत्व में फिर से गद्दी पर बैठने के लिए प्रयासरत है तो वहीं बीजेपी अमरिंदर के सहारे सत्ता के सपने देख रही है। वहीं आम आदमी पार्टी फ्री योजनाओं का वादा कर सत्ता की गद्दी हथियाना चाहती है। चुनावी शोरगुल में चन्नी बनाम भगवंत तो कहीं चन्नी बनाम केजरीवाल मुद्दे बनाने में जुटे है। चन्नी अंदर और बाहरी दोनों बयानों से जूझ रहे है। सत्ता के शह मात के इस खेल में कांग्रेस और आप हर चाल आजमाने में लगे है। सीएम चन्नी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा दिल्ली यूपी बिहार वालों को पंजाब में राज नहीं करने देंगे। न ही पंजाब में फटकने देंगे। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ये सवाल उठने लगा कि कांग्रेस के लिए चन्नी का ये बयान क्या गुल खिला पाएगा। या फिर ये चन्नी का मिस्टेक बनेगा या फिर मास्टर स्ट्रोक साबित होगा। कुछ विशेषज्ञ चन्नी के इस बयान को पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बंगाल में चुनाव में ममता बनर्जी ने बंगाली अस्मिता बंगाली मान सम्मान और बंगाल में बंगाली का दांव खेला था। इस चुनाव में ममता बनर्जी की जीत हुई यानी ममता का ये स्थानीय सियासी दांव पास हुआ। ठीक उसी तर्ज पर चन्नी चलते हुए नजर आ रहे है। कांग्रेस पंजाब में पंजाब अस्मिता और पंजाब में पंजाबी राज का दांव खेला है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक चुनावी सभा के दौरान कहा था कि पंजाब पंजाबियों का है, पंजाब को पंजाबी चलाएंगे। प्रियंका ने यहां तक कह दिया था कि पंजाब मेरी ससुराल है। इसी बयान के बाद जोश में आए सीएम चन्नी ने कहा कि यूपी बिहार और दिल्ली वालों को पंजाब में राज नहीं करने देंगे।
सीएम चन्नी के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया तब चन्नी ने बयान को केवल आप पार्टी से जोड़कर बताया। इसके जवाब में केजरीवाल ने प्रियंका गांधी को यूपी वाला बता दिया।
राजनीतिक पंडित सीएम चन्नी के बयान को पंजाब चुनाव में एक सोची समझी रणनीति मान रहे है। वहीं कांग्रेस इसे चन्नी बनाम भगवंत मान न मानकर चन्नी बनाम केजरीवाल भुनाना चाहती है। वहीं