भाजपा ने विशेष राज्य के मुद्दे पर दिखाया आईना, जदयू भड़का
बिहार सियासत भाजपा ने विशेष राज्य के मुद्दे पर दिखाया आईना, जदयू भड़का
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग को लेकर एकबार फिर से सियासत गर्म है। जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह इस मांग को लेकर इन दिनों मुखर हैं, वहीं भाजपा ने सोमवार को जदयू को इस मामले पर आइना दिखाया है। भाजपा का मानना है कि बिहार को विकसित करने के लिए उद्योग को बढ़ावा देना होगा। भाजपा ने जदयू को नसीहत देते हुए कहा कि 2020 में राजग सरकार का गठन आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय के आधार पर हुआ है, इस मूल मुद्दे से कभी भटकना नहीं चाहिए।
इधर, संजय जायसवाल के बयान के बाद भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू भड़क गई। जदयू ने पलटवार करने में देर नहीं की। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने आंकड़े दिखाते हुए कहा है कि खुद उनकी पार्टी के नेता और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 2022-23 के बजट से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री को मेमोरेंडम सौंपकर विशेष राज्य के दर्जे की मांग की थी। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या उन्होंने गलत किया था? उन्होंने ही कहा है कि बिहार को 2018 के बाद केंद्र से कम राशि मिल रही है।
नीरज कुमार ने दावा करते हुए कहा कि केंद्र-राज्य पैटर्न के अलावा बिहार को अलग से कुछ मिल नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा हमारा हक है और संघर्ष जारी रहेगा। जदयू का मानना है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो औद्योगिक प्रदेश बनेगा। इससे पहले बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने सोमवार को जदयू को आइना दिखाते हुए आंकड़ों के जरिए बताया कि महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं, जबकि पश्चिम बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है लेकिन उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता है।
जायसवाल ने कहा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्य को हुआ है। पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे उनको अलग से कमाई होती थी। अब इस कमाई का बड़ा हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है जिसके कारण बिहार को 20 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा हुआ है। जायसवाल ने अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट कर लिखा कि अगर बिहार को आगे बढ़ाना है तो सरकार को हर हालत में उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा, जब तक हम औद्योगिक नीतियां लाकर नए उद्योगों को बढ़ावा नहीं देंगे तब तक ना हम रोजगार देने में सफल हो पाएंगे और ना हीं बिहार की आय बढ़ेगी।
भाजपा नेता ने कहा कि जहां भी संभव हो वहां प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि उद्योग लगाने वालों को विलेन समझने की मानसिकता बिहार को कहीं का नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, हम 6 वर्षों में भी प्रधानमंत्री के दिए हुए पैकेज का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं। अभी भी 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है। उदाहरण के तौर पर रक्सौल हवाईअड्डे के लिए प्रधानमंत्री पैकेज में ढाई सौ करोड़ रुपए मिल चुके हैं लेकिन बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त जमीन नहीं देने के कारण आज भी यह योजना रुकी हुई है।
भाजपा नेता ने नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का समुचित उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में 6 हजार करोड़ की राशि बिहार सरकार को आवंटित की गई थी लेकिन जल नल योजना के मद में हमने यह पैसे नहीं लिए। उन्होंने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि सरकारी राशि का उपयोग कल्याणकारी योजनाओं में होना चाहिए। जायसवाल ने कहा कि 2020 में राजग सरकार का गठन आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय के आधार पर हुआ था। हमें इस मूल मुद्दे से कभी भटकना नहीं चाहिए।
(आईएएनएस)