हिमाचल की इन पांच सीटों पर सभी राजनीतिक दलों की नजर, सत्ता में वापसी के यहीं से खुलते हैं दरवाजे?

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव- 2022 हिमाचल की इन पांच सीटों पर सभी राजनीतिक दलों की नजर, सत्ता में वापसी के यहीं से खुलते हैं दरवाजे?

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-07 11:30 GMT
हिमाचल की इन पांच सीटों पर सभी राजनीतिक दलों की नजर, सत्ता में वापसी के यहीं से खुलते हैं दरवाजे?

डिजिटल डेस्क, शिमला। देश में इन दिनों हिमाचल प्रदेश व गुजरात के चुनाव नतीजों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। एग्जिट पोल के मुताबिक, बीजेपी जहां गुजरात में दोबारा सत्ता में वापसी करती हुई दिख रही है तो वहीं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस व बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर होती दिख रही है। इस बार देशभर में सभी की नजरें हिमाचल प्रदेश चुनाव रिजल्ट पर बनी हुई है, क्योंकि यहां का इतिहास रहा है कि सत्ता परिवर्तन सतत चलता रहता है। ऐसे में इस बार हिमाचल प्रदेश में देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी दोबारा सत्ता में बनी रहती है या फिर कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब होगी। कल आ रहे चुनाव नतीजे में स्थिति साफ हो जाएगी। इसी कड़ी में आज हम बात करने वाले हैं हिमाचल प्रदेश की उन 5 सबसे बड़ी सीटों के बारे में जिन पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। तो आइए समझते हैं इन सीटों पर सियासी गणित के बारे में। 

1- शिमला ग्रामीण

बीजेपी: भाजपा ने इस सीट पर जाने माने नेता रवि मेहता को प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले रवि मेहता शिमला के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही कैलाश सहकारी संघ के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। ये सीट किसी भी राजनीतिक दल के लिए अहम भूमिका निभाती है। 

कांग्रेस: इस सीट पर कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। बताया जाता है कि विक्रमादित्य प्रदेश के दूसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। इनके पास 101 करोड़ रूपए की चल-अचल संपत्ति है। हिमाचल प्रदेश वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी व कांग्रेस के बीच इस सीट को लेकर कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।

2- सिराज

बीजेपी: देशभर में यह सीट चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि इस सीट पर बीजेपी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कंधो पर है। इस सीट को लेकर बताया जा रहा है कि जयराम ठाकुर की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है क्योंकि सिराज विधानसभा क्षेत्र में सूबे के सीएम ठाकुर का काफी प्रभाव रहा है।

साल 2012 से पहले इस विधानसभा क्षेत्र को चच्योट के नाम से जाना जाता था। साल 2003 व 2007 में इसी सीट पर जयराम ठाकुर विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा सिराज सीट से वर्ष 2012 व 2017 में भी जयराम ठाकुर ने जीत हासिल की व हिमाचल प्रदेश के सीएम बने। इस तरह वह इस सीट पर पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में यह सीट हिमाचल प्रदेश में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 

कांग्रेस: इस बार चुनाव में कांग्रेस ने सीएम जयराम के खिलाफ चेतराम ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है। अब कल देखने होगा कि क्या जयराम ठाकुर को कड़ी टक्कर देने में चेतराम कामयाब होंगे? गौरतलब है कि चेतराम ठाकुर को पिछली बार 11 हजार से वोटों के अंतर से जयराम ठाकुन ने हराया था। ऐसे में माना जाता है कि इस सीट पर राजपूत बिरादरी का प्रभाव खूब रहा है। दोनों नेताओं के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।

3- सुलह

बीजेपी: 2017 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार विपिन सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार जमजीवन पाल को 10 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। इस बार फिर से विपिन सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या विपिन सिंह विजय अभियान को जारी रख पाएंगे या फिर कांग्रेस बाजी मारेगी।

कांग्रेस: कांग्रेस ने इस सीट पर बीजेपी के सामने कांग्रेस उम्मीदवार जगदीश सिपहिया को उतारा है। आपको बता दें कि जगदीश पूर्व में बैंक मैनेजर हैं। उन्हें वीरभद्र सिंह गुट के करीबी माना जाता है। जानकारी के मुताबिक, इस सीट पर कांग्रेस व बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।

4- डलहौजी

बीजेपी: बीजेपी इस बार डलहौजी सीट पर अपना परचम लहराना चाहती है। इसी वजह से बीजेपी के कद्दावर नेता डेरा जमाए हुए थे और बड़ी-बड़ी रैलियां भी की थी। बीजेपी इस सीट पर लंबे समय से जीत का स्वाद तक नहीं चख पाई है। ऐसे में अबकी बार हर हाल में यह सीट हथियाना चाहेगी। यही वहज है कि बीजेपी ने कद्दावर नेता डीएस ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है।

कांग्रेस: बताया जा रहा है कि डलहौजी सीट पर कांग्रेस की मौजूदा विधायक व प्रत्याशी आशा कुमारी कड़ी टक्कर दे रही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी को कांग्रेस की इस गढ़ में सेंधमारी करने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी क्योंकि इस सीट पर बीते 10 साल से कांग्रेस का कब्जा रहा है। यही वजह यह कि इस चुनाव पर सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं की नजर बनी हुई है। 

5- मंडी सदर

बीजेपी: मंडी सदर से बीजेपी ने तीन बार के विधायक रहे अनिल शर्मा को प्रत्याशी बनाया हैं। साल 2017 के चुनाव में भी अनिल शर्मा ने जीत हासिल की थी। बीजेपी के उम्मीदवार रहे अनिल ने कांग्रेस की चंपा ठाकुर ने 10 हजार से ज्यादा मतों से हराकर तीसरी बार जीत दर्ज की थी। इस भरोसे पर बीजेपी ने एक बार फिर अनिल पर भरोसा जताया है। 

कांग्रेस: कांग्रेस एक बार फिर से चंपा ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके पहले भी चंपा को इस सीट पर दो बार शिकस्त मिल चुकी है। फिर भी पार्टी ने तीसरी बार उन्हें मौका दिया है। अब कल देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या चंपा ठाकुर पार्टी को इस बार जीत दिला पाएंगी? इस पर सभी की नजर बनी हुई है।

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