एनडीए, यूपीए संघ के बाद देश में इस बार दिख सकता है गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी गठबंधन, राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की गोलबंदी करने की तैयारी
नई दिल्ली एनडीए, यूपीए संघ के बाद देश में इस बार दिख सकता है गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी गठबंधन, राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की गोलबंदी करने की तैयारी
- देश में एक नया गठबंधन तैयार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में इस बार का राष्ट्रपति चुनाव कई लिहाज ने नए अंदाज में होगा। भाजपा के मजबूत किले और कांग्रेस की ढ़हती राजनीति के बीच इस बार एक और नया गठबंधन चुनाव में देखने को मिल सकता है। देश में बदली राजनीति परिस्थिति के चलते देश में एक नया गठबंधन तैयार हो सकता है। कई गैर कांग्रेसी और गैर भाजपा दल नया गठबंधन बनाने के लिए कई बैठक और मुलाकात कर रहे है। सफलता की बनाती नई सीढ़ियों से भाजपा के हौंसले बुलंद है, वहीं लगातार हारती कांग्रेस के वर्चस्व पर सवाल खड़े हो रहे है।
प्रधानमंत्री मोदी का लोकतंत्र के लिए परिवारवाद से पैदा हुए संकट पर बार बार बयान करना कांग्रेस को राजनीतिक रूप से संकट की खाई में धकेला जा रहा है। वहीं छोटे छोटे दल कांग्रेस के वर्चस्व से अलग होकर बीजेपी के विरोध में अपना एक नया गठबंधन तैयार करने में जुटे गए है।
अपने अपने इलाकों में दबदबा बनाए रखने वाले छोटे दल, दस राज्यों के गैर कांग्रेसी गैर बीजेपी मुख्यमंत्री सियासी मैदान में नई बिसात बिछाने में जुटे है। हालांकि पर्दे के पीछे चल रही इस कोशिश के पैर दिल्ली की चौखट तक जा पहुंची।
दस राज्यों में लोकसभा की 246 सीटें, जो आधे देश में राज करती है। संभावित तीसरा फ्रंट, जो बीजेपी और एनडीए को सीधी टक्कर देगा। तीसरे फ्रंट का कोई एक नेता नहीं होगा।
तेलंगाना के सीएम केसीआर 30 मार्च को दिल्ली पहुंच रहे है। इस महीने में राव का दिल्ली में यह दूसरा दौरा है। इससे पहले वो एक मार्च को दिल्ली सीएम केजरीवाल से मुलाकात कर चुके थे। खबरों के मुताबिक दस सीएम की संभावित बैठक दिल्ली या मुबंई में जल्द हो सकती है। इस गैर काग्रेसी तीसरे फ्रंट में आप इसलिए शामिल होना चाहेंगी कि जहां कांग्रेस कमजोर ो रही है वहां आप बाजी मार रही है।
शुरूआती प्लानिंग राष्ट्रपति इलेक्शन में दिखाई देगा
तीसरा फ्रंट 10 सीएम, कोई एक नेतृत्वकर्ता नहीं
ममता बनर्जी
एम के स्टालिन
के चंद्रशेखर
उद्धव ठाकरे
हेमंत सोरेन
जगमोहन रेड्डी
नवीन पटनायक
पी विजयन
अरविंद केजरीवाल
भगवंत मान