कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद नरम पड़ा जी-23 समूह
विधानसभा चुनाव 2022 कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात के बाद नरम पड़ा जी-23 समूह
- बदलाव के संकेत
- गैरगांधी को कांग्रेस कमान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के बाद नेतृत्व और भागीदारी को लेकर कांग्रेस आलाकमान से नाराज हुए जी- 23 नेता नरम पड़ने के साथ उनके सुर भी बदलने लगे है।
बयानबाजी का दौर
पार्टी अध्यक्ष को लेकर कपिल सिब्बल के विरोधी बयान के बाद कांग्रेस दो धड़ों में बंटती हुई नजर आ रही थी, उसके बाद गुलाम नबी आजाद के घर जी 23 नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक के बाद कांग्रेस आलाकमान में चिंता की लहर दौड़ आई। चिंतित हाईकमान ने कल शुक्रवार को सोनिया गाँधी से मुलाकात की। गांधी से मीटिंग करने के बाद निकले आजाद के सुर थोड़े नरम दिखाई दिए , और बदले हुए सुरों को नपे तुले अंदाज में बयान किया। आजाद ने कहा कांग्रेस के जी- 23 नेताओं को सोनिया गांधी के नेतृत्व से कोई दिक्कत नहीं है। हांलांकि उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गाँधी को लेकर कुछ कहने से परहेज किया। उनकी इस खामोशी से साफ तौर पर ये अंदाज तो लगाया जा सकता है कि जी- 23 नेताओं में भाई बहन और परिवारवाद को लेकर नाराजगी है, जो पांच राज्यों में मिली हार के बाद अब जगजाहिर हो चुकी है। हालांकि संगठन के चुनाव होने तक सोनिया गांधी अध्यक्ष बनी रहेंगी।
राहुल की भूमिका पर भरोसा नहीं: G-23
कांग्रेस के जी -23 नेताओं का मानना है कि अध्यक्ष न रहते हुए सारे फैसले राहुल गांधी कर रहे है, और राहुल की भूमिका में कांग्रेस निरंतर अपना वर्चस्व खो रही है। लोग उनका भरोसा नहीं जता रहे। फिर भी कुछ नेता राहुल और गांधी परिवार के साथ खड़े है। इस पर गंभीर विचार करना जी -23 नेताओं की प्रमुख मांग है। हालांकि राहुल गांधी ने खुद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा था कि पार्टी गांधी परिवार से अलग किसी और को अपना नया अध्यक्ष चुन लें। गांधी ने यहां तक कह दिया कि मैं और प्रियंका गांधी अध्यक्ष नहीं होगे।
बदलाव के संकेत, गैरगांधी को कांग्रेस कमान
इससे पहले राहुल गांधी ने आजाद के घर में हुई बैठक में शामिल हुए भूपिंदर सिंह हुड्डा से मुलाकात की, इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी की कई चुनावी और संगठनात्मक समितियों में बदलाव के संकेत दे दिए। जी-23 नेताओं का मानना है कि कांग्रेस की कमान गांधी परिवार से इतर अब किसी गैर गांधी को मिलनी चाहिए।
सवाल नया चेहरा कौन
हार, नाराजगी, विरोधी सुरों के बाद जारी बैठकों से निकले बयानों के बाद कांग्रेस के सामने ये संकट है कि संगठन चुनाव के बाद कांगेस का नया नेतृत्वकर्ता यानि मुखिया का चेहरा कौन होगा।