125 वर्षीय योगगुरु को मिला पद्मश्री पुरस्कार
तमिलनाडु 125 वर्षीय योगगुरु को मिला पद्मश्री पुरस्कार
- योग
- वेदांत और विभिन्न विषयों पर 296 पुस्तकें लिखी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक नागरिक अलंकरण समारोह-1 में योग में योगदान के लिए 125 वर्षीय स्वामी शिवानंद को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के पट्टामदई में जन्मे स्वामी शिवानंद ने योग, वेदांत और विभिन्न विषयों पर 296 पुस्तकें लिखी हैं। उनकी पुस्तकों ने सैद्धांतिक ज्ञान पर योग दर्शन के व्यावहारिक अनुप्रयोग पर जोर दिया। स्वामी शिवानंद ने हॉल में प्रवेश करते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नतमस्तक हुए। यह देखकर वह भी उनके सामने झुक गए।
जैसे ही वह राष्ट्रपति की कुर्सी की ओर आगे बढ़े, उन्होंने फिर से देश के मुखिया के प्रति सम्मान की निशानी के रूप में झुककर प्रणाम किया। राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त करने वाले 125 वर्षीय योगगुरु का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें लोगों ने उनकी प्रशंसा की।
पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री में प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि जैसे विभिन्न विषयों या गतिविधियों के क्षेत्रों में दिए जाते हैं।
असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए पद्म विभूषण प्रदान किया जाता है। उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए पद्मभूषण और किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए पद्मश्री। पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। राष्ट्रपति भवन से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में भारत के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री शामिल थे।
(आईएएनएस)