महाराष्ट्र सियासत: 'हमारे संपर्क में उद्धव ठाकरे की पार्टी के सांसद...!', कांग्रेस के बाद केंद्रीय मंत्री के दावे से महाराष्ट्र की सियासत में उबाल

  • महाराष्ट्र की राजनीति में तेज हुई सियासी हलचल
  • केंद्रीय मंत्री ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना को लेकर दिया बड़ा बयान
  • शिवसेना के सांसदों के संपर्क में आने का किया दावा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-11 15:49 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में उथल पुथल के संकेत तेज होते दिखाई दे रहे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के दावे के बाद मंगलवार को शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद प्रतापराव जाधव ने चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सांसद हमारे संपर्क में हैं। इस दौरान प्रतापराव ने दावा किया कि जिस दिन उद्धव ठाकरे की पार्टी के पांच से छह सांसद खुलकर आ जाएंगे, उस दिन हम उन्हें अपने साथ ले लेंगे। इस बार के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पाले में9 सीटे गई हैं। बता दें, विजय वडेट्टीवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी के 40 विधायकों के संपर्क में आने का दावा किया था। उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासी पारा बढ़ा दिया था।

जानिए प्रतापराव जाधव के बारे में

महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना (शिंदे गुट) में प्रतापराव जाधव कद्दावर नेता हैं। वह एकनाथ शिंदे के करीबी में गिने जाते हैं। लोकसभा चुनाव में जाधव ने बुलढाणा सीट से जीत दर्ज की हैं। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के नवगठित मंत्रिमंडल में शिवसेना (शिंदे गुट) से केवल जाधाव को चुना गया है। जाधव को स्वास्थ्य और आयुष राज्यमंत्री का जिम्मा सौंपा गया है। उनके राजनीतिक करियर की बात करें तो वो भी काफी बढ़िया रहा है। जाधव ने लोकसभा चुनाव में चौथी बार जीत हासिल की हैं। वह साल 2009, 2014 और 2019 में सांसद रह चुके हैं।

राज्य मंत्री भी रह चुके हैं

प्रतापराव जाधव महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा शिवसेना-भाजपा की सरकार में उन्हें राज्य मंत्री की कमान सौंपी गई थी। जाधव को सरपंच से विधायक और मंत्री तक के पदों का काफी अच्छा अनुभव रहा है। इसके अलावा वह शारंगधर शुगर मिल के चेरमैन भी हैं। शिवसेना सांसद मराठा समुदाय से आते हैं। उनकी छवी को एक कट्टर शिवसैनिक के तौर पर जाना जाता है। शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद जाधव ने शिंदे गुट में चले गए थे।

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