मध्यप्रदेश अंतरिम बजट: वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पेश किया बजट, कोई नया टैक्स और योजना नहीं
- वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पेश किया अंतरिम बजट
- 1 .45 लाख करोड़ रु. है राशि
- मुख्य बजट जुलाई में पेश होगा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश की नवगठित मोहन यादव सरकार का पहला अंतरिम बजट (लेखानुदान) पेश हो गया है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा इसे विधानसभा के पटल पर पेश किया। इस वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के लिए यह बजट होगा। इसकी धन राशि 1,45,229 करोड़ रुपए है। बजट में कोई नई योजना और टैक्स का ऐलान नहीं किया गया है।
बता दें कि यह मिनी बजट है, मुख्य बजट लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में मानसून सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। बजट से पहले वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार मोदी की गारंटी पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, 'आज हम सदन में 1 अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2024 तक के लिए लेखानुदान पेश करने जा रहे हैं। वेतन-भत्ते, पेंशन, आवश्यक खर्च एवं जो योजनाएं चल रही हैं, उसके लिए यह लेखानुदान होगा।'
बजट पेश करने के बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव भी कुछ देर बाद अभिभाषण पर सरकार की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलेंगे।
वित्तीय वर्ष के लिए बजट में सम्मिलित राशि 3,48,986.57 करोड़ रु. है। वहीं लेखानुदान के लिए धनराशि 1,45,229.55 करोड़ रु. है, इसमें मतदेय राशि 1,19,453 05 करोड़ रु.। लेखानुमान पर मंगलवार को चर्चा होगी।
वर्ष 2024-25 बजट अनुमान
- बजट अनुमान में कुल राजस्व प्राप्तियां 2,52,268.03 करोड़
- राज्य कर से राजस्व प्राप्तियां 96,553.30 करोड़
- गैर कर राजस्व प्राप्तियां 18,077.33 करोड़
- बजट अनुमान में राजस्व व्यय 2,51,825.13 करोड़
- पुनरीक्षित अनुमान में राजस्व व्यय 2,31,112.34 करोड़
- बजट अनुमान में राजस्व आधिक्य 442.90 करोड़
- कुल पूंजीगत प्राप्तियां का बजट अनुमान 59,718.64 करोड़
- कुल पूंजीगत परिव्यय का बजट अनुमान 59,342.48 करोड़
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में अंतरिम बजट पेश कर दिया है। फाइनेंशियल ईयर (2024-25) के पहले चार महीनों के लिए यह बजट 1,45,229.55 करोड़ रुपये का है।
पृथ्वीपुर से कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि सही काम के लिए लोगों को सिफारिश करनी पड़ रही है। उन्होंने राजस्व विभाग के रिकॉर्ड को ठीक करने पर सवाल उठाया। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के स्थान पर सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो काम नहीं हो पा रहे हैं उनकी समयसीमा तय करेंगे।
वहीं प्रश्नकाल खत्म होने के बाद ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान श्योपुर के विजयपुर गांव में किसानों के खिलाफ बिजली चोरी के मामलों का मुद्दा कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के खिलाफ फर्जी मामले जा रहे हैं। उनके इस आरोप पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी किसान के खिलाफ फर्जी चालान नहीं बनाया गया है।
ऊर्जा मंत्री के इस बयान पर विधायक रावत भड़क गए। उन्होंने कहा कि मेरे साथ चलकर जांच करा लीजिए अगर मैं गलत साबित हुआ तो सदन से त्यागपत्र दे दूंगा। इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वह भी तेज आवाज में जवाब दे सकते हैं। दोनों के बीच हो रही गहमागहमी विधानसभा अध्यक्ष अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर हस्तक्षेप के बाद शांत हुई। तोमर ने कहा कि बिजली प्रकरण संबंधी आरोप गंभीर है। मंत्री अधिकारियों से रिपोर्ट तलब करें और इस क्षेत्र में औचक निरीक्षण भी करें। जरूरी हो तो विधायक को भी साथ ले जाएं।
डिंडोरी के 627 स्कूलों में मरम्मत की जरूरत - राव उदय प्रताप
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह बताया कि डिंडोरी जिले के 627 स्कूलों में मरम्मत की आवाश्यकता है। जिसके लिए करीब 40 करोड़ रुपए की जरूरत है। जिस पर विधायक ओमकार मरकाम ने कहा, 'मोदी कहते हैं कि जनजाति जिलों के विकास के लिए सरकार खजाना खोल रही है। दूसरी ओर आदिवासी जिलों के साथ ऐसी स्थिति पैदा की जा रही है।' इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने मामले को देखने की बात कही।
कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा, स्कूल भवनों में शौचालय, खेल मैदान आदि की व्यवस्था को लेकर जो जानकारी दी गई है वह सही नहीं है। डिंडोरी जिले के स्कूलों में सुविधा नहीं है, जवाब में कहा गया है कि भारत सरकार पैसा नहीं दे रही है। मरकाम ने कहा, क्या राज्य सरकार के पास आदिवासी जिले में सुविधा देने के लिए पैसे की कमी है।
प्रश्नकाल के दौरान विधायक कुंवर सिंह टेकाम, सोहनलाल वाल्मीकि, मधु भाऊ भगत और सूर्य प्रकाश ने स्कूलों के भवन का मामला उठाया। जिस पर स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा, जमीन की कमी मुद्दा है। विधायकों के साथ चर्चा करके स्कूल भवन के लिए स्थान तय करेंगे। जमीन उपलब्ध होते ही सरकार काम शुरू कर देगी।
सरकार में मंत्री जगदीश देवड़ा, कैलाश विजयवर्गीय, एंदल सिंह कंसाना, इंदर सिंह परमार, कृष्णा गौर, धर्मेंद्र सिंह लोधी ने विभागों और कंपनियों के वार्षिक रिपोर्ट पटल पर रखीं। बता दें कि अभी प्रश्नकाल के साथ चर्चा की शुरुआत हुई है। इसके बाद शून्यकाल होगा और फिर वित्त मंत्री लेखानुदान (अंतरिम बजट) पटल पर रखेंगे। जिसके बाद इस पर चर्चा होगी। सीएम मोहन यादव बजट पर शाम करीब 4 बजे अपनी बात रखेंगे।
कांग्रेस नेताओं को मिल आयकर विभाग के नोटिस पर सवाल उठाते हुए विक्रांत भूरिया ने कहा कि सबसे बड़ी बात सिर्फ कांग्रेस वालों को ही क्यों समन जारी हो रहे हैं। इससे साफ होता है कि जो ईडी, सीबीआई सारी एजेंसियों का दुरुपयोग करना चाहते हैं, ये कर रहे हैं। हम लोग डरने वाले नहीं हैं। डटकर सामना करेंगे। हमारे पास कुछ भी छुपाने के लिए नहीं है। 21 तारीख को बोला है, हम बिल्कुल उपस्थित होंगे। उन्होंने आगे कहा, 'नरेंद्र मोदी जी आए थे। झाबुआ में । सुबह मुलाकात करके नर्मदा से पानी का आग्रह किया था। शाम आते - आते हमें आयकर विभाग का नोटिस, समन थमा दिया गया। यह डराना चाहते हैं, दबाना चाहते हैं, जो भी करना चाहते हैं। हम डरने वाले नहीं हैं। जब चुनाव आते हैं, तभी इनको समन क्यों याद आते हैं। लोकसभा का चुनाव आने वाला है और इनको समन याद आ रहे है।'
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा, 'जिस तरह से ये शोषण का काम कर रहे हैं, सभी वर्गों का। वो साफ दिख रहा है। मोदी जी आते हैं और बड़ी-बड़ी बातें करके जाते हैं। मध्यप्रदेश में अब मैं गारंटी लेता हूं हर आदिवासी की। शाम आते - आते देखते हैं कि बैतूल में आदिवासी को पीटा जा रहा है। मुर्गा बनाया जा रहा है। मुंह पर लाते मारी जा रही हैं। बीजेपी के लोगों का नाम आ रहा है। यह कहीं न कहीं इनकी मानसिकता को उजागर करता है। हम लोग चुप नहीं बैठने वाले।'