'वन नेशन वन इलेक्शन' पर फोकस: मोदी 3.0 ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर तैयारी तेज, पहले कार्यकाल में ही पेश कर सकती है बिल

  • 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर मोदी 3.0 ने तेज की तैयारी
  • एकसाथ चुनाव होने पर जल्द लाया जा सकता है विधयक
  • पहले कार्यकाल में लागू हो सकता है बिल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-15 18:24 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार वन नेशन वन इलेकशन के बिल को अमल में लाने की तैयारी कर रही है। एनडीए के तीसरे कार्यकाल में वन नेशन वन इलेक्शन के विधयक पर काम किया जा रहा है। इस बात की पुष्टि सूत्रों के हवाले से रविवार को हुई। दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने काफी समय से देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक चुनाव का रूप देने की जद्दोजहद में लगी है। केंद्र सरकार ने इसी अवधारणा को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' नाम दिया है। सूत्रों की मानें तो, एनडीए की मोदी 3.0 सरकार में शामिल सभी घटक दल के नेता 'वन नेशन वन इलेक्शन' के बिल को समर्थन में हैं।

पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने से पहले आई रिपोर्ट में इन चीजों का खुलासा हुआ है। मालूम हो, लोकसभा चुनाव के परिणाम 4 जून को सामने आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। देश में वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करने के लिए भाजपा लंबे समय से राग आलाप रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' को अपने वादों में शामिल किया था। इसके अलावा हाल ही में स्वतंत्रता दिवस में लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने अपने भाषण में भी वन नेशन वन इलेक्शन पर फोकस किया था। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को एकमुश्त होने का आह्वान किया था।

पीएम मोदी ने वन नेशन वन इलेक्शन पर किया था फोकस

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था, "मैं सभी से एक राष्ट्र एक चुनाव के संकल्प को हासिल करने के लिए एक साथ आने का अनुरोध करता हूं, जो समय की मांग है।" इतना ही नहीं बल्कि आज तक से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि सरकारों के पांच साल के कार्यकाल पूरे होने के दौरान चुनाव ही नहीं होते रहने चाहिए। पीएम मोदी ने कहाथा, "मैं हमेशा कहता हूं कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए। पूरे पांच चाल राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे चुनावों का प्रबंधन करने वाले खर्च में कटौती होगी।"

इसके बाद पीएम मोदी ने कहा था, "हमने एक एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हम उसका अध्ययन कर रहे हैं, जिसके बाद ऐसे बिंदु सामने आएंगे जिस पर आगे कदम उठाए जाएंगे। एक राष्ट्र एक चुनाव हमारी प्रतिबद्धता है और यह केवल राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं नहीं है। यह देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।" इसके अलावा सूत्रों ने कहा "मोदी 3.0 सरकार' अगले सप्ताह 100 दिन पूरे कर रही है और वह 2014 में लिए गए अपने संकल्पों पर कायम है।"

रामनाथ कोविंद समीति ने मार्च में सौंपी थी रिपोर्ट

बता दें, वन नेशन वन नेशन को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में समिति गठित की गई थी। इसके बाद समीति ने देश में 'वन नेशन वन इलेक्शन' संभावनाओं में मार्च में अपनी रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में समीति ने अपने पहले सुझाव में लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव को संयुक्त चुनाव कराने के रूप देने पर जोर दिया था। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया था कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने के 100 दिन के अंदर स्थानीय विकाय चुनाव भी होने चाहिए। ताकि देश में एक तय समयावधि में सभी स्तर के चुनाव को पूरा कराया जा सके। फिलहाल, देश में राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग समय अवधि पर आयोजित होते हैं।

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