नई 'कुर्सी': कैश फॉर क्वेरी मामले में घिरीं महुआ मोइत्रा को TMC ने दी नई जिम्मेदारी, सांसद ने सीएम ममता बनर्जी को किया धन्यवाद
TMC ने मोहुआ मोइत्रा को बनाया जिला अध्यक्ष
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कैश फॉर क्वेरी मामले में घिरीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से सांसद महुआ मोइत्रा को नई जिम्मेदारी सौपी है। टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने मोइत्रा को पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर (नदिया उत्तर) का प्रेसिडेंट बनाया है।
लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को यह जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली है जब वे पहले से ही लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों में संसद की सदस्यता खोने के कगार पर खड़ी हैं। हाल ही में एथिक्स कमेटी ने भी मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की बात कही है। बता दें कि, एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी है। इधर, मोइत्रा ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी जाती है तो वे अगले साल और अधिक वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचेगी। खास बात यह है कि टीएमसी ने पार्टी स्तर पर यह फेरबदल ऐसे समय में किया है जब अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं।
'कृष्णानगर के लोगों और पार्टी के साथ हमेशा काम करूंगी'
मोहुआ मोइत्रा ने जिला अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर सीएम ममता बनर्जी को धन्यवाद किया। मोइत्रा ने सोशल मीडिया X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "मुझे कृष्णानगर (नादिया उत्तर) का जिला अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए ममता बनर्जी और टीएमसी को धन्यवाद। कृष्णानगर के लोगों के लिए पार्टी के साथ हमेशा काम करूंगी।"
Thank you @MamataOfficial and @AITCofficial for appointing me District President of Krishnanagar (Nadia North) .Will always work with the party for the people of Krishnanagar.— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) November 13, 2023
अभिषेक बनर्जी ने मोइत्रा का किया बचाव
गौरतलब है कि जब से महुआ मोइत्रा पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे जाने के मामले में फंसी है तब से ही उनकी पार्टी उनका सीधा बचाव करने से बचती रही है। हालांकि, 9 नवंबर को अभिषेक बनर्जी ने यह जरूर कहा था कि मोइत्रा खुद का बचाव करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
इस दौरान अभिषेक बनर्जी ने आचार समिति के फैसले पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि अगर उनके पास मोइत्रा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, तो वह निष्कासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं? हमे लगता है कि ये प्रतिशोध की राजनीति के अलावा कुछ नहीं हैं। ये सब प्रतिशोध की राजनीति के तहत किया जा रहा है।