लोकसभा चुनाव 2024: 'मिशन-80' के तहत यूपी का किला फतह करने की रणनीति? सांसदों से मांगे गए रिपोर्ट कार्ड
- बीजेपी ने सभी सांसदों से मांगा रिपोर्ट कार्ड
- मिशन-80 के तहत जीत की तैयारी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। आम चुनाव में करीब एक साल का समय बचा है। जिसको देखते हुए पार्टी हाईकमान ने देश के सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश पर अपनी पैनी नजर बनाई हुई है। पार्टी ने यूपी के सभी बीजेपी सांसदों से अपना रिपोर्ट कार्ड देने को कहा है। जिसके लिए सभी सदस्यों को एक फॉर्म दिया गया है। हाईकमान ने सभी सांसदों को दो पन्नों के नोट्स के साथ तीन फॉर्म दिए हैं। जिसमें सांसद अपनी पूरी रिपोर्ट दर्ज कर दिल्ली या यूपी प्रदेश कार्यालय में जमा करेंगे।
दरअसल, बीते महीने ही मोदी सरकार ने केंद्र में अपने 9 साल के कार्याकाल पूरे किए थे। जिसे लेकर पार्टी देश के अलग-अलग राज्यों के शहरों में महाजनसंपर्क अभियान चला रही थी। जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता से लेकर कार्यकर्ताओं को आदेश दिया गया था कि वो 9 साल में हुए कामों का बखान जन-जन तक करें ताकि आगामी चुनाव में पार्टी को इसका फायदा मिल सके। इसी अभियान के तहत यूपी के सांसदों को भी कहा गया था कि वो अपने क्षेत्र की जनता से मिले और सरकार की उपलब्धियां गिनाएं। करीब एक महीने से चले आ रहे इस अभियान पर बीजेपी ने सांसदों से रिपोर्ट मांगी है और देखना चाहती है कि इस तय समय सीमा में सांसदों ने कितना काम किया। जानकारी के मुताबिक, सांसदों के परफार्मेंस के हिसाब से ही पार्टी राय बनाएगी कि उन्हें आगामी लोकसभा में टिकट देना या काटना है।
सांसदों से कई मुद्दों पर रिपोर्ट मांगे गए हैं। जिनमें कुछ इस प्रकार हैं-
- सभी सांसदों को अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र से 100-100 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की लिस्ट भेजनी है जिनका समाज में अच्छा खासा दबदबा है।
- इन इन्फ्लुएंसर को पार्टी के साथ जोड़ना है ताकि चुनाव में इनका फायदा लिया जा सके।
- सांसदों को अपने क्षेत्र में 1000 ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार करनी है जिनका समाज में 'नाम' हो। जिनमें पद्म पुरस्कार विजेता, खिलाड़ी, समाज सेवी, शिक्षक, डॉक्टर, सेना के जवान, शहीद परिवार के जैसे लोग हों।
- इसके अलावा सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्र से 40-50 कार्यकर्ता तैयार करने हैं जो विषम परिस्थितियों में पार्टी के लिए खड़े हो सकें। साथ ही इन्हीं कार्यकर्ताओं को हर दिन सुबह-शाम 20-20 लोगों से संपर्क करना होगा और मोदी सरकार के 9 साल की उपलब्धियां गिनानी होगी और उन्हें बुकलेट से सम्मानित भी करना होगा।
- इसके अलावा सभी सांसदों को 27 जून के लिए तैयारी करनी है क्योंकि इस दिन पीएम मोदी सभी बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे जिसके लिए उचित व्यवस्था हो।
बीजेपी की साल 2019 वाली 'चाल'
भाजपा लोकसभा चुनाव साल 2019 के फॉर्मूले के तहत काम करेगी। पार्टी इस बार भी नए चेहरों को मौका देने वाली है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी यूपी में 'मिशन-80' को लेकर चल रही है। जिसके तहत लोकसभा की सभी सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति बना रही है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने अपने अंदरूनी 'गुप्तचरों' से सांसदों की रिपोर्ट कार्ड भी मांगी है। जिसके बिहाफ पर ही उन्हें टिकट मिलेगा। कुछ सांसदों की टिकट कटने की पूरे संभावना है जबकि कुछ के क्षेत्र बदले जाएंगे और कुछ ऐसे भी युवा नेता हैं जिन्हें पार्टी आगामी लोकसभा में चुनावी मैदान में उतार सकती है। कहा जा रहा है कि यूपी के एक चौथाई ऐसे सांसद हैं जिनका पत्ता कटना करीब-करीब तय है क्योंकि उनके खिलाफ क्षेत्र में एंटी इनकंबेंसी है। कुल मिलाकर देखें तो बीजेपी साल 2019 के आम चुनाव को देखते हुए रोडमैप बना रही है ताकि जीत की 'हैट्रिक' लगाई जा सके।
बीजेपी का 'मिशन-80'
बीजेपी मिशन-80 के तहत यूपी का किला फतह करना चाहती है। जिसके लिए रणनीति करीब-करीब तैयार है। सूत्रों के मुताबिक, यूपी सरकार में जिन नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। साथ ही उनका वर्चस्व अलग-अलग समुदायों में है उन पर पार्टी भरोसा जता सकती है। साथ ही दिल्ली के नेताओं के साथ जिनके अच्छे संबंध हैं उन्हें पार्टी हाईकमान चुनाव में खड़ा कर सकती है। जिनमें सबसे प्रमुख नाम पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा सरीखे जैसे कई नेता हैं। जो पिछले योगी सरकार के कार्यकाल में मंत्री पद पर विराजमान थे।