विधानसभा चुनाव 2024: हरियाणा में बीजेपी के आडवाणी बने दादा प्रो. रामबिलास शर्मा

  • महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से पांच बार कमल खिलाया
  • 73 वर्षीय प्रो. रामबिलास शर्मा का कटा टिकट
  • स्टार प्रचारकों की सूची से हटा नाम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-13 14:18 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा में बीजेपी की स्टार प्रचारक सूची से दिग्गज नेता दादा रामबिलास शार्मा का नाम गायब होते ही तरह तरह के कयास लगाए जाने लगे है। इस बार बीजेपी ने महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से पांच बार कमल खिलाने वाले 73 वर्षीय प्रो. रामबिलास शर्मा का टिकट काट दिया साथ ही स्टार प्रचारकों की सूची में भी उनका नाम शामिल नहीं हुआ। सियासी गलियारों में अब ये माना जा रहा है कि हरियाणा में बीजेपी ने एकाएक रामबिलास को लालकृष्ण आडवाणी बना दिया। सूबे की सियासत में कई लोगों को यह बात अखर रही है कि प्रो शर्मा के साथ बीजेपी ने ये ठीक नहीं किया।

आपको बता दें 1982 में महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से प्रो. रामबिलास शर्मा ने पहली बार कमल खिलाया था। बीजेपी उनके साथ वही पॉलिसी अपना रही है, जो पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के साथ अपनाई गई थी। उन्हें आयु का हवाला देकर मार्गदर्शक मंडल में लाया गया।  मुरली मनोहर जोशी व कई दूसरे वरिष्ठ नेताओं को भी पार्टी में सक्रिय भूमिका से जानबूझकर किनारा कर दिया। 

इन सब बातों को लेकर प्रो. शर्मा का कहना है कि हरियाणा में बीजेपी का पौधा लगाया था। जब इसकी छांव में आराम करने का वक्त आया तो उन्हें दरकिनार किया जा रहा है। कार्यकर्ताओं ने उनसे जब निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का आग्रह किया तो शर्मा भावुक हो उठे। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा, पांच दशक तक उन्होंने झंडा, डंडा व एजेंडा नहीं बदला। अब वह यह झंडा नहीं छोड़ सकते। विधानसभा चुनाव में अपना नाम तय मानकर चलने वाले रामबिलास को ये भरोसा था, पार्टी उन्हें उम्मीदवार घोषित करेंगी। लेकिन पहली सूची में जब शर्मा का नाम नहीं आया तो उनके समर्थकों को निराश हुई। अंतिम सूची में भी जब उनका नाम गायब रहा तो न केवल शर्मा, बल्कि उनके समर्थक भी टूट गए। सोशल मीडिया में प्रो. शर्मा और उनके समर्थकों के रोने का वीडियो खूब वायरल हुआ है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और सांसद धर्मवीर ने रामबिलास शर्मा से मुलाकात की।

आपको बता दें रामबिलास शर्मा ने हरियाणा में भाजपा का झंडा उस वक्त उठाया, जब कोई भी नेता बीजेपी में नहीं आना चाहता था। यहीं नहीं  2014 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी ने हरियाणा में अपने दम पर पहली बार सरकार बनाई, तब रामबिलास शर्मा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर मनोहरलाल खट्टर बाजी मार ले गए। शर्मा दो बार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे थे। 

Tags:    

Similar News