विधानसभा चुनाव 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कितना सफल हो पाएगी आप, क्या काम आएगी केजरीवाल की इस्तीफा रणनीति?
- दिल्ली शराब नीति केस में बेल पर केजरीवाल,सिसोदिया, संजय
- इस्तीफे के बाद हरियाणा चुनाव पर केजरीवाल का फोकस
- जनता दरबार में जाने की बात कह चुके केजरीवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और नया सीएम बनाने के बाद अरविंद केजरीवाल की नजर हरियाणा विधानसभा चुनाव पर रहेगी। आम आदमी पार्टी के सभी सीनियर लीडर हरियाणा के चुनावी प्रचार में जुट जाएंगे। दिल्ली शराब नीति मामले में अभी बेल पर बाहर घूम रहे केजरीवाल,मनीष सिसोदिया, संजय सिंह हरियाणा के चुनावी मिशन में प्रचार में लग जाएगे।
हरियाणा में आप के साथ गठबंधन से कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को डर है कि कहीं आप को गठबंधन के बहाने राज्य में पैर जमान का मौका मिल जाएगा। वैसे भी हरियाणा दिल्ली और पंजाब की कड़ी है। दिल्ली और पंजाब दोनों ही राज्यों में आप की सरकार है। आप ने दोनों ही राज्यों में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया है। कांग्रेसी ये गलती हरियाणा में नहीं करना चाहती।
आपको बता दें अपने आपको दिल्ली का बेटा बताकर दिल्ली की सियासी कुर्सी पर बैठे केजरीवाल अब हरियाणा का बेटा बताकर वहां की चुनावी सुर्खियों बंटोकर कांग्रेस और बीजेपी के लिए मुसीबत खड़ा करेंगे। आपको बता दें इंडिया गठबंधन में शामिल आप और कांग्रेस के बीच हरियाणा में सीट समीकरण नहीं बना। दोनों पार्टियां गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ रही है। कांग्रेस हरियाणा चुनाव में गठबंधन में बड़े भाई का नाता नहीं निभा रही है। क्योंकि कांग्रेस को डर है कि कहीं केजरीवाल दिल्ली सरकार की तरह हरियाणा में अपना सियासत न चकमा ले। क्योंकि सियासी सफर की शुरूआत में केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर दिल्ली की सरकार बनाई और सीएम की कुर्सी पर विराजमान हुए। 45 दिनों बाद दिल्ली सीएम पद से इस्तीफा देकर नए चुनाव कराएं। बाद में अपने नीतियों के बलबूते केजरीवाल दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने में सफल हुए।
यहीं वजह है कि कांग्रेस ने आप से हरियाणा में गठबंधन नहीं किया। दूसरी तरफ सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल को सीएम ऑफिस जाने और किसी भी फाईल पर हस्ताक्षर ना करने की सशर्त पर जमानत दी है। ऐसे में केजरीवाल सीएम रहते भी क्या कर पाते। ऐसे में केजरीवाल ने दिल्ली सीएम से ही इस्तीफा देने का फैसला किया । और जनता के दरबार में जाने का फैसला किया। दिल्ली के साथ -साथ केजरीवाल का मुख्य फोकस हरियाणा पर भी हैं।
आपको बता दें केजरीवाल की जन्मभूमि हरियाणा का हिसार है। ऐसे में केजरीवाल बिना कुर्सी लालच के हरियाणा का बेटा बताकर वहां के चुनावी प्रचार में नया जोश भरेंगे। हरियाणा में आम आदमी पार्टी सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हरियाणा में किसी भी स्थिति परिस्थिति में आप पार्टी अपनी मजबूत स्थिति बनाने के प्रयास में हैं। हालांकि ये तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे की केजरीवाल की नीति-रणनीति हरियाणा में कितनी सफल रहेगी।