मोदी 3.0: ये हैं मोदी सरकार के सबसे युवा मंत्री, केवल 26 साल की उम्र में बने थे सांसद, बिहार के पूर्व सीएम हैं सबसे उम्रदराज
- मोदी सरकार की बैठक के बाद मंत्रियों को सौंपे गए मंत्रालय
- तीसरे कार्यकाल के मंत्रिमंडल में युवा मंत्री
- मंत्रिमंडल में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सबसे वृद्ध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रविवार की शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में पीएम मोदी ने अपने मंत्रीमंडल के साथ शपथ ग्रहण की। बीजेपी को इस चुनाव में अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला जिसका असर मोदी सरकार के तीसरे मंत्रीमंडल पर भी दिखा। एनडीए में शामिल सहयोगी दलों के समर्थन से बनी पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में पिछले दोनों कार्यकालों की अपेक्षा ज्यादा मंत्रियों ने शपथ ली। मोदी 3.0 कैबिनेट में 71 मंत्रियों को शामिल किया गया, जिसमें 11 सहयोगी दलों के हैं। इससे पहले 2014 में 46 और 2019 में 57 मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिनमें सहयोगी दलों के क्रमश: 4 और 5 थे।
जीतनराम मांझी सबसे बुजुर्ग मंत्री
नरेंद्र मोदी की नई सरकार में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री हैं। मोदी कैबिनेट में बिहार की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के चीफ जीतन राम मांझी को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही वह मोदी कैबिनेट के सबसे बुजुर्ग मंत्री बन गए हैं। वहीं उम्र 78 साल है। मोदी की नई टीम के सबसे उम्रदराज मंत्री होने के साथ मांझी सबसे गरीब मंत्री भी हैं। बिहार की इमामगंज विधानसभी सीट से विधायक जीतनराम मांझी के पास कुल 30 लाख रुपये संपत्ति है।
टीडीपी के राम मोहन नायडू सबसे युवा
पीएम नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में सबसे युवा मंत्री राम मोहन नायडू हैं। उनकी उम्र केवल 36 साल है। टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के करीबी माने जाने वाले राम मोहन आंध्रप्रदेश की श्रीकाकुलम लोकसभा सीट से सांसद हैं। उन्होंने वाईएसआरसीपी के उम्मीदवार पी. तिलक को 3.2 लाख वोटों से हराया है।
राम मोहन की राजनीति में एंट्री बहुत जल्दी हो गई थी, वह केवल 26 साल की उम्र में सांसद बन गए थे। दरअसल, उनके पिता और टीडीपी के दिग्गज नेता येरन नायडू जो कि 1996 की संयुक्त मोर्चा सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री थे, की साल 2012 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिसके बाद सिंगापुर में अपना कैरियर बनाने में जुटे युवा राम मोहन भारत लौट आए और 2014 में श्रीकाकुलम सीट से लोकसभा चुनाव लड़े। चुनाव में राम मोहन ने बड़ी जीत हासिल की और 16वीं लोकसभा के सबसे युवा सांसद बने।