धारा 370 के चार सालः जम्मू कश्मीर में रैली निकालने की तैयारी में थी महबूबा मुफ्ती, अब किया नजरबंद किए जाने का दावा
- जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक्शन
- नजरबंद किए गए पीडीपी नेता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की सियासत से जुड़ी खबर है। घाटी की पूर्व सीएम और पीडीपी सुप्रीमो महबूबी मुफ्ती को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। उन्हें प्रदेश प्रशासन ने उनके घर में ही नजरबंद किया है। इस बात को खुद मुफ्ती द्वारा बताया गया है। नजरबंद करने का मुख्य कारण घाटी में 370 एवं 35 ए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को बताया जा रहा है। आज ही के दिन यानी 5 अगस्त साल 2019 को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीना गया था।
370 के चार वर्ष पूरे होने पर पीडीपी नेता और पार्टी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती घाटी के अलग-अलग इलाकों में केंद्र सरकार के खिलाफ रैली निकालने वाली थी। जिसकी भनक प्रशासन को लगी थी। सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने महबूबा समेत कई पीडीपी नेताओं को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया है। साल 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 एवं 35ए को हटाकर, विशेष राज्य से केंद्र शासित राज्य में तब्दील कर दिया था। तब से वहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है।
मुफ्ती ने क्या कहा?
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों का दमन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मुझे आज अन्य वरिष्ठ पीडीपी नेताओं के साथ नजरबंद कर दिया गया है। यह आधी रात की कार्रवाई के बाद हुआ है जहां मेरी पार्टी के कई लोगों को पुलिस स्टेशनों में अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है।" साथ ही मुफ्ती ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि इस मामले में घाटी के लोगों को देखते हुए फैसला सुनाएगा। धारा 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
प्रदेशवासियों से हुई है नाइंसाफी- क्षेत्रीय पार्टियां
घाटी से जब से धारा 370 को समाप्त किया गया है। तब से प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टियां केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलती रही हैं। इन पार्टियां का आरोप है कि केंद्र ने विशेष दर्जा छीन प्रदेशवासियों के साथ नाइंसाफी की है। जबकि इनके आरोपों का जवाब देते हुए सरकार ये कहती रही है कि, जम्मू-कश्मीर देश का ताज है और यह जितना एक कश्मीरी का है उतना ही देश के किसी भी नागरिक का है।