स्वाति मालीवाल मारपीट मामला: गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली बिभव कुमार की जमानत याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने किया खारिज
- अभी न्यायिक हिरासत में हैं विभव कुमार
- जमानत देने पर याचिकाकर्ता गवाहों को प्रभावित कर सकता है
- निचली अदालत और हाई कोर्ट से खारिज हो चुकी है याचिका
- सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट से आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल मामले में सीएम केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने आदेश जारी किया है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने विभव कुमार की याचिका पर 8 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बिभव कुमार ने अपनी याचिका में गिरफ्तारी को अवैध बताया। बिभव के वकील ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई थी और उनकी गिरफ्तारी 18 मई को हुई है। कुमार ने जांच में स्वेच्छा से शामिल होने के लिए पुलिस को आवेदन दिया था। पुलिस ने बिभव की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि बिभव कुमार की गिरफ्तारी जल्दबाजी में नहीं हुई थी और इसमें इसका कोई दोष नहीं है।
पीटीआई के मुताबिक बिभव कुमार को जमानत देने से इनकार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि आरोपी का काफी दबदबा है और उसे राहत देने का कोई आधार नहीं बनता। अदालत ने यहां तक कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जमानत देने पर याचिकाकर्ता मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकता है या सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है।