आरक्षण पर सियासत: बिहार में अब 65 फीसदी आरक्षण लागू करने की तैयारी में सीएम नीतीश, सदन पलट पर रखी अपनी बात

2020-2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन नहीं हुई - नीतीश कुमार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-07 12:49 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में 2 अक्टूबर को नीतीश कुमार की सरकार ने कास्ट सेंसस रिपोर्ट जारी की गई थी। इसके बाद आज यानी मंगलवार को बिहार सरकार ने विधानसभा सभा के पलट पर जातीय सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट पेश की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे को लेकर प्रस्ताव जारी करते हुए कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरक्षण 50 की जगह 65 फीसदी किया जाना चाहिए। उन्होंने ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण 75 फीसदी करने का प्रस्ताव सदन पलट पर रखा है।

मंगलवार को सदन में शीतकालीन सत्र के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि "कुछ लोग कहते हैं कि इस जाति की जनसंख्या बढ़ गई या घट गई। लेकिन हमको जरा बताइए कि जब इससे पहले जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है तो आप कैसे कह सकते हैं कि इस जाति की संख्या बढ़ गई या घट गई? ये बहुत बोगस बात है। हम शुरूआत से केंद्र सरकार से कहते आए हैं कि वे भी जातिगत जनगणना करें। 2020-2021 में जो जनगणना होनी थी। वो नहीं हुई तो जितना जल्दी हो सके शुरू करें।"

सदन में नीतीश के भाषण के दौरान बीजेपी नेता प्रेम कुमार खड़े हो गए। जिस पर नीतीश कुमार ने बड़े सधे हुए अंदाज में कहा कि अरे बैठिए न, आप तो हमारे मित्र हैं। हमरा बात सुन लीजिए। हम आपको घर नहीं गए हैं? इसिलए आप हमरा बात सुन लीजिए। इसके बाद आप भी बोल लीजिएगा। आपकी कितनी इज्जत करते हैं। पूरी बात सून लीजिए। कास्ट सेंसस की रिपोर्ट हमने आपके सामने रख दी है। हमने तो शुरू में ही कहा था कि जनगणना करा लीजिए। लेकिन अभी तो देर हो गया है। हर दस साल में जनगणना होता है। लेकिन 2020 और 2021 में नहीं हुआ। हम तो कहते हैं कि आप इसी साल जनगणना करा दीजिए न। 

बिहार में साक्षरता दर 79.70%

साथ ही आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य विधानसभा में केंद्र सरकार से राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग की। सदन में जाति आधारित सर्वे पर बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, "हमारे सर्वेक्षण में बिहार में साक्षरता दर 79.70% है। महिलाओं में साक्षरता दर पुरुषों की तुलना में अधिक है...बिहार में प्रत्येक 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं, जबकि 2011 में 918 महिलाएं थीं।'' रिपोर्ट पेश करते हुए विजय कुमार चौधरी ने कहा, "बिहार में 34.1% परिवार गरीब हैं। 6,000 रुपये प्रति माह तक कमाने वाले परिवारों को गरीब श्रेणी में रखा गया है।" 

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