राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: सवाई माधोपुर में चुनावी जीत का जाति फेक्टर
- सवाई माधोपुर जिले में चार विधानसभा सीट
- गंगापुर,बामनवास,सवाई माधोपुर,खण्डार विधानसभा सीट
- एक-एक सीट एससी और एसटी आरक्षित, 2 सामान्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सवाई माधोपुर जिले में चार विधानसभा सीट गंगापुर,बामनवास,सवाई माधोपुर,खण्डार विधानसभा सीट है। 2013 में सभी चारों सीटों पर बीजेपी का कब्जा था, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में तीन पर कांग्रेस और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। हालफिलहाल जिले की चारों सीटों में से किसी भी सीट पर बीजेपी का विधायक नहीं है। गंगापुर और सवाई माधोपुर 2 सीट सामान्य वर्ग के लिए हैं, वहीं 1 सीट खण्डार अनुसूचित जाति और एक सीट बामनवास अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। जिले में 40 फीसदी के करीब एससी और एसटी की आबादी है, जबकि करीब 12 फीसदी मुस्लिम आबादी है। जिले में मुख्य रूप से मुस्लिम, मीणा, एससी और गुर्जर वोटों का दबदबा है। इनके अलावा ब्राह्मण, बनिया समाज के मतदाता भी चुनाव को प्रभावित करते है। माली और राजपूत समाज के वोटर्स भी चुनाव में अहम भूमिका निभाते है। जिले की सभी सीटों पर बढ़ती महंगाई,बेरोजगारी ,विकास, अवैध खनन और शिक्षा के साथ साथ बढ़ता क्राइम यहां कि प्रमुख समस्याएं हैं।
गंगापुर विधानसभा सीट
2018 में निर्दलीय रामकेश
2013 में बीजेपी से मान सिंह
2008 में बीएसपी से राकेश
2003 में कांग्रेस से दुर्गाप्रसाद
गंगापुर विधानसभा सीट सामान्य सीट है, क्षेत्र में करीब 22 फीसदी एससी और 18 फीसदी एसटी आबादी है। सीट पर 2018 में निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज कर मुख्य राजनैतिक दलों को सकते में डाल दिया था। यहां वैसे तो बीजेपी, कांग्रेस और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत ने यहां बहुकोणीय समीकरण पैदा कर दिए है।
बामनवास विधानसभा सीट
2018 में कांग्रेस से इंदिरा मीणा
2013 में बीजेपी से कुंजलाल
2008 में कांग्रेस से नवल किशोर
2003 में निर्दलीय हीरालाल
एसटी के लिए आरक्षित बामनवास सीट का इतिहास रहा है कि यहां की जनता किसी भी विधायक को रिपीट करने में विश्वास नहीं रखती। यहां की जनता ने कभी कभी निर्दलीय उम्मीदवार पर भी भरोसा जताया है और उसे जीताकर विधानसभा भी पहुंचाया हैं। बामनवास में एसटी वोटर्स निर्णायक भूमिका में होते है।
सवाई माधोपुर विधानसभा सीट
2018 में कांग्रेस से दानिश अबरार
2013 में बीजेपी से दियाकुमारी
2008 में कांग्रेस से अलाउद्दीन आजाद
2003 में बीजेपी से किरोड़ीलाल मीणा
राजा हठी हम्मीर की धरती से प्रसिद्ध सवाई माधोपुर में कहा जाता है कि जिस पार्टी का यहां से विधायक होता है उसी की सरकार बनती है। सवाई माधोपुर विधानसभा राजस्थान की एक ऐसी विधानसभा सीट है, जहां का विधायक अगला चुनाव नहीं जीत पाता है. यहां की जनता ने हर बार विधानसभा चुनाव में अपना नया विधायक चुनकर विधानसभा में भेजा है। 16 फीसदी एससी आबादी है, जबकि 23 फीसदी आबादी एसटी है
खण्डार विधानसभा सीट
2018 में कांग्रेस से अशोक बैरवा
2013 में बीजेपी से जितेंद्र कुमार गोथवाल
2008 में कांग्रेस से अशोक बैरवा
2003 में कांग्रेस से अशोक बैरवा
खण्डार विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां 26 फीसदी एससी और 19 फसदी एसटी आबादी है। आरक्षित सीट होने के चलते यहां कांग्रेस, बीएसपी और बीजेपी में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है। समस्याओं की बात की जाए तो यहां सड़क, शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य से जुड़ी बेसिक सुविधाओं की कमी है।