विज्ञापन मामला: कोलकाता एचसी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बीजेपी, हाईकोर्ट ने 4 जून तक विज्ञापन पर लगाया था रोक
- सुप्रीम कोर्ट में टीएमसी बनाम भाजपा
- विज्ञापन मामले में एससी पहुंची बीजेपी
- चुनाव के मद्देनजर जल्द सुनवाई की मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बंगाल बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने उच्चतम न्यायालय से मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की है। दरअसल, कोलकाता हाईकोर्ट ने टीएमसी के खिलाफ भाजपा की तरफ से जारी किए गए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले विज्ञापनों पर 4 जून तक के लिए रोक लगा दी है। कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ भाजपा ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
जल्द सुनवाई की मांग
कोलकाता हाईकोर्ट ने टीएमसी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जारी किए गए विज्ञापनों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उन पर बुधवार (22 मई) को रोक लगा दी। सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखते हुए कोलकाता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने विज्ञापनों के प्रकाशन पर 4 जूत तक लगाए गए रोक को जारी रखा है। इसके बाद बंगाल बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का रूख करते हुए इस मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई करने की अपील की है। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने इस मामले को सोमवार (27 मई) को लगाने की बात कही है। बता दें कि 25 मई को छठे चरण की वोटिंग होगी वहीं 1 जून को आखिरी चरण की वोटिंग होगी।
टीएमसी और भाजपा की दलीलें
टीएमसी के खिलाफ विज्ञापन मामले पर सबसे पहले कोलकाता हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए 4 जून तक रोक लगाई थी। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने बिना सुनवाई के एकतरफा फैसले का दावा करते हुए एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाने की अपील की थी। 22 मई को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के फैसले के 4 जून तक विज्ञापनों पर रोक लगाने के फैसले को जारी रखा। बीजेपी ने एक बार फिर इसी दलील के साथ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है।
वहीं तृणमूल कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर विज्ञापनों के जरिए झूठे आरोप लगाने की बात कही थी। बता दें कि हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक, भाजपा अब उन विज्ञापनों को चुनाव से पहले दोबारा जारी नहीं कर पाएगी। 25 मई को पांचवे और 1 जून को छठे चरण की वोटिंग के बाद 4 जून को चुनावी परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।