सीएम अरविंद केजरीवाल पर भड़की बीजेपी, महाभारत के दुर्योधन से की तुलना, 'आप' ने भी किया जबरदस्त पलटवार
- दिल्ली की पानी पर बीजेपी-'आप' आमने-सामने
- बीजेपी ने केजरीवाल से पूछे सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में बाढ़ जैसे बने हालात के बीच सियासत भी तेज हो गई है। दिल्ली और केंद्र सरकार राजधानी पर आमने-सामने नजर आ रही हैं। दिल्ली में तेज बारिश और बाढ़ जैसे बने हालात को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि दिल्ली बैराज के सभी गेट न खुलने की वजह से हम पूरा पानी नहीं छोड़ पा रहे हैं। जिसकी वजह से दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में पानी भरा हुआ नजर आ रहा है। दिल्ली सरकार के इस बयान पर केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने 'आप' सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, हर साल बारिश आती है जिसके ठीक पहले सरकार को तैयारी करनी होती है जिसमें बैराज ठीक से काम कर रहा है कि नहीं ये भी शामिल है।
भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को महाभारत के दुर्योधन से संबोधित करते हुए ट्वीट कर कहा कि, दिल्ली के मालिक बौने दुर्योधन अरविंद केजरीवाल जी बैराज के गेट काटने पड़ रहे हैं। आईआईटी पढ़े लिखे सीएम, सबको मालूम है बरसात आनेवाली है। गेटों की सर्विस जांच भी केंद्र सरकार को करवानी थी क्या? केजरीवाल पर बरते हुए बिधूड़ी ने आगे लिखा है कि, तो तुम किसलिए सीएम बने हो या एलजी साहब ने ये सब नहीं करने दिया।
— Ramesh Bidhuri (@rameshbidhuri) July 13, 2023
सांसद के बयान पर 'आप' का पलटवार
दक्षिणी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी के इस ट्वीट पर आम आदमी पार्टी के विधायक ने जवाब दिया है। दिल्ली के उत्तर नगर से 'आप' विधायक नरेश बाल्यान ने पलटवार करते हुए कहा कि तुम्हारी गलती नहीं है। अनपढ़ बदतमीज सांसद, ये बैराजे हरियाणा सरकार का है, इसलिए ये जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की नहीं है।
दिल्ली सरकार के मंत्री ने क्या कहा था?
बीते दिन (13 जुलाई) को दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा था कि, पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 208.62 है और जो खतरे का निशान 205.33 है। यानी यमुना अपने खतरे के निशान से करीब 2 मंजील ऊपर बह रही है। मंत्री ने आगे कहा था कि, आईटीओ ब्रिज के पास इस बैराजे में 32 गेट हैं जिसमें से 5 गेट नहीं खुले हैं। अगर यह गेट नहीं खुलते हैं तो कटर की मदद से काट कर खोला जाएगा ताकि पानी की निकासी हो सके।
विकास कार्यों का खुला कच्चा चिट्ठा खोल
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तेज बारिश और बाढ़ की वजह से करीब सात दिनों से 2 करोड़ से अधिक दिल्लीवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को राहत देने के बजाय केंद्र और दिल्ली सरकार आपस में भिड़ती हुई नजर आ रही हैं। ये हमेशा से देखा जाता रहा है कि जब भी ऐसी कोई आपदा आती है तो राजनीतिक दल सियासत करना शुरू कर देते हैं। सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हो जाते हैं। दिल्ली में बाढ़ जैसे बने हालात ने सरकार की तैयारियों और विकास कार्यों का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया है।