लोकसभा चुनाव 2024: छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने फिर लगाया बंटी साहू पर दांव, इस बार नकुलनाथ से सामना
- कमलनाथ से दो बार विधानसभा चुनाव में भिड़ चुके हैं विवेक बंटी साहू
- दोनों बार कमलनाथ से खा चुके है मात
- इस बार नकुलनाथ से मुकाबला
डिजिटल डेस्क, भोपाल। लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा के रण की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। कांग्रेस ने यहां से वर्तमान सांसद नकुलनाथ पर भरोसा जताते हुए फिर मैदान में उतारा है। जबकि बुधवार को जारी सूची में भाजपा ने विवेक बंटी साहू पर दांव लगाया है। भाजपा ने बंटी पर यह तीसरी बार दांव खेला है। इससे पहले लगातार दो बार विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं। दोनों बार वे कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से भिड़े। सूची जारी होते ही अब भावी मुकाबले पर चर्चाएं शुरू हो गई है। गौरतलब है कि इस बार भाजपा से टिकट की आस रखने वालों की लंबी कतार थी। युवा, महिला व सीनियर सभी तरह के दावेदार चर्चाओं में थे। टिकट पर बाजी फिर बंटी ने मार ली।
ऐसा है कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशी का ट्रैक रिकार्ड
विवेक बंटी साहू: कांग्रेस से भाजपा में आए। युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रहे। वर्तमान में भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं। वर्ष 2019 के विधानसभा उपचुनाव में तत्कालीन सीएम कमलनाथ के विरूद्ध चुनाव लड़ा और 25 हजार वोटों के अंतर से हारे। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में फिर भाजपा ने उन्हें कमलनाथ के सामने उतारा। इस बार करीब 37 हजार वोटों के अंतर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
नकुलनाथ: पिता कमलनाथ के साथ जिले की राजनीति में सक्रिय रहे। पहली बार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरे। इस चुनाव में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस की लाज बचाई। भाजपा के नत्थनशाह को हराकर मध्यप्रदेश से अकेले कांग्रेस सांसद चुने गए। मंगलवार को जारी कांग्रेस की सूची में उन्हें पुन: उम्मीदवार घोषित किया गया है।
जानिए... बंटी साहू को क्यों मिला टिकट:
- कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा में भाजपा को हमेशा से ही कैंडिडेट क्राइसेस का सामना करना पड़ा है। इसका पूरा फायदा विवेक बंटी साहू को उनकी सक्रियता के आधार पर मिला है।
- लगातार दो बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। इसकी वजह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से उनकी नजदीकी को माना जा रहा है।
- पार्टी जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद से बंटी जिले में सक्रिय हैं, अपने हिसाब से संगठन खड़ा किया। विधानसभा में सातों सीट पर हारे प्रत्याशियों की टीम भी उनके साथ है।