कांग्रेस को झटका: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका, दिल्ली पार्टी अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा
- कांग्रेस को बड़ा झटका
- दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
- आप के साथ गठबंधन से थे नाराज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। राजधानी दिल्ली से पार्टी के लिए बुरी खबर सामने आ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अरविंदर सिंह ने अपना इस्तीफा पत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया है। इस्तीफा पत्र में पूर्व दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने आप के साथ पार्टी के गठबंधन पर नाराजगी जताई है। उन्होंने पत्र में आम आदमी पार्टी को कांग्रेस के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के आधार पर बनी पार्टी करार दिया है। उन्होंने ऐसी पार्टी (आप) के साथ कांग्रेस के गठबंधन के फैसले पर सवाल उठाया है। अध्यक्ष पद से इस्तीफे देने को लेकर कांग्रेस नेता ने पत्र में लिखा कि वह कई कारणों से खुद को अपंग महसूस करते हैं और पद पर बने रहने के लिए अपने आप को असमर्थ समझते हैं।
क्या है इस्तीफे का कारण?
अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा पत्र में पद छोड़ने के पीछे के कारणों को भी स्पष्ट किया है। उन्होंने पत्र में लिखा, "दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए सभी सर्वसम्मत निर्णयों को एआईसीसी (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी) महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा वीटो कर दिया। एआईसीसी महासचिव ने मुझे डीपीसीसी (दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी) में कोई वरिष्ठ नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी। मीडिया के रूप में एक अनुभवी नेता की नियुक्ति के लिए मेरे अनुरोध को सिरे से खारिज कर दिया गया।"
पार्टी का जताया आभार
इस्तीफा पत्र में अमरिंदर सिंह लवली ने पार्टी के प्रति आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "31 अगस्त 2023 को मुझे दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं। मैंने पिछले 7-8 महीनों में दिल्ली में पार्टी को फिर से स्थापित करने का भरपूर प्रयास किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी फिर से उसी स्थिति में पहुंच जाए, जैसी कभी थी।"
उन्होंने पत्र में आगे लिखा, "अगस्त 2023 में जब मुझे कार्यभार सौंपा गया था तब पार्टी इकाई किस स्थिति में थी, यह सब जानते हैं। तब से मैंने पार्टी को पुनर्जीवित करने और अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने के लिए कड़ी मेहनत की है। मैंने सैकड़ों स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को फिर से पार्टी में शामिल किया, जो या तो पार्टी छोड़ चुके थे या निष्क्रिय हो गए थे। जबकि कई साल से पार्टी ने शहर में कोई बड़ा कार्यक्रम या रैली नहीं की थी। मैंने यह भी सुनिश्चित किया कि रैली और कार्यक्रमों के जरिए शहर की सभी 7 संसदीय सीटें कवर हो जाएं क्योंकि आम चुनावों के लिए बहुत कम समय बचा था।"