विधानसभा चुनाव 2023: मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज एलान, आपके राज्य में कब हो सकते हैं चुनाव? जानिए

  • पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार ईसी
  • मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ पर टिकी सबकी नजरें

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-09 03:01 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर आज यानी 9 अक्टूबर दोपहर 12 बजे चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव अगले महीने नवबंर के दूसरे हफ्ते से लेकर दिसंबर के पहले हफ्ते तक होने की संभावना है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में एक ही चरण में चुनाव संभव है जबकि छत्तीसगढ़ में दो फेस में चुनाव करवाए जा सकते हैं।

पिछले दिनों ही चुनाव आयोग ने 900 से ज्यादा पर्यवेक्षकों के साथ दिल्ली में अहम मीटिंग की थी। तब से खबरें आ रही थी कि चुनाव आयोग इन पांचों राज्यों में चुनाव करवानों को लेकर एलान कर सकता है। अब इसी सिलसिले में खबर आ रही है कि आज ईसी दोपहर के 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पांचों राज्यों में चुनाव की तारीख पक्की कर देगी।

एमपी में नवंबर-दिसंबर में चुनाव संभव

सबकी नजरे मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर पड़ी हुई है क्योंकि इन तीनों राज्यों में सीधे तौर पर बीजेपी और कांग्रेस में नेक टू नेक लड़ाई है। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस साल के अंत में चुनाव हो सकते हैं। प्रदेश की सभी 230 सीटों पर नवंबर महीने 2023 या उससे पहले चुनाव कराने का एलान हो सकता है। एमपी विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को समाप्त होने वाला है।

पिछला चुनाव साल 2018 का बेहद ही रोमांचक भरा रहा था। कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी को सीटों के मामले में मात देते हुए एमपी की गद्दी पर विराजमान हो गई थी। लेकिन मार्च 2020 में पूरा समीकरण बदल गया जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए। जिसकी वजह से कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गई और एमपी में कांग्रेस सत्ता से दूर हो गई। कमलनाथ के जाने के बाद बीजेपी की ओर से एक बार फिर सत्ता की चाबी शिवराज  ने संभाली।

कांग्रेस पार्टी तीन दशक की परंपरा को करेगी ध्वस्त?

राजस्थान में भी कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं। दोनों ही पार्टियां एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रही हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस सत्ता में है जबकि विपक्ष में बैठी बीजेपी दम भर रही है कि इस बार राजस्थान का किला वहीं फतह करेगी। करीब तीन दशक से राजस्थान में सत्ता का परिवर्तन चल रहा है यानी एक बार बीजेपी तो एक बार कांग्रेस, 27 सालों से किसी पार्टी ने एक बार सत्ता में रहकर दुबारा जीत कर सरकार नहीं बना पाई है। बीजेपी को इसी बात का भरोसा है कि अबकी बार उसकी सरकार बनेगी। लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत का दावा है कि इस बार कांग्रेस पार्टी करीब तीन दशक की परंपरा को ध्वस्त करके दिखाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि, राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल 14 जनवरी 2024 को खत्म होने वाला है। राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं।

3 जनवरी 2024 को खत्म होगा छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल

एमपी और राजस्थान चुनाव की तरह इस साल के अंत मे छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस प्रदेश में विधानसभा की 90 सीटें हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस की सरकार है। सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार चला रही है। पिछली बार यहां साल 2018 में चुनाव हुए थे। इस प्रदेश के विधानसभा का कार्यकाल 3 जनवरी 2024 को खत्म होगा।

16 जनवरी 2024 को खत्म होगा तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल

तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल 16 जनवरी 2024 को खत्म होगा। 119 सीटों वाले तेलंगाना में दिसंबर 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे और तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी टीआरएस ने राज्य में सरकार बनाई थी। इसका नाम अब भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया है। फिलहाल प्रदेश की कमान बीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव के हाथ में है।

दिसंबर में खत्म होगा मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल

बाकी चार राज्यों की तरह मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसंबर साल 2023 को खत्म हो रहा है। उसके ठीक पहले प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट ने जीत हासिल की और सरकार बनाने में सफल भी हुई थी। मौजूदा समय में प्रदेश के सीएम जोरमथांगा हैं। इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग पूरी तरह तैयार है। जिसको देखते हुए आज यानी 9 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है जिसमें वो जानकारी साझा करेगा कि आखिर इन राज्यों में कब-कब चुनाव होंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि चुनाव भले ही अलग-अलग तारीखों पर हो लेकिन मतगणना सभी राज्यों के एक ही दिन संभव है।

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