लोकसभा चुनाव 2024: अलगुलान रैली में अखिलेश यादव ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, केजरीवाल और सोरेन की गिरफ्तारी पर बोले - 'बीजेपी ये न भूले, उन्होंने शेरों को....'

  • लोकसभा चुनाव के बीच रांची में इंडिया गठबंधन की महारैली
  • विपक्ष के कई प्रमुख नेता हुए शामिल
  • सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-21 15:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा सभा चुनाव का आगाज हो चुका है। इस महामुकाबले का पहला चरण 19 अप्रैल को हुआ था। अब अगल चरण 26 अप्रैल को है। इस बीच विपक्षी गठबंधन इंडिया की झारखंड की राजधानी रांची में महारैली हुई। जिसे उलगुलान नाम दिया गया। इस मेगारैली में विपक्ष दलों के प्रमुख नेताओं के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी पहुंचे। इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी उसी समय हार गई थी, जब उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। सपा प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा वाले ये ना भूलें, उन्होंने शेरों को गिरफ्तार किया है शेरों की दहाड़ को गिरफ़्तार नहीं कर पाए हैं।

देश को 10 साल पीछे किया

अखिलेश यादव ने रैली में बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "जो लोग 2014 में आए थे वो 2024 में यहां से हटाए जाएंगे। जिन लोगों ने देश को 10 साल में पीछे करने का काम किया है। उनकी विदाई इतनी जोरदार हो कि ढोल नगाड़े की आवाज बंद ना हो।" उन्होंने आगे कहा, "जिनको ये भरोसा है कि वो भारत में और देश में 400 सीटें जीत जाएंगे वो अन्याय क्यों कर रहे हैं? इन्होनें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आपके मुख्यमंत्री को जेल भेजा है। उन्होंने शेर को बंद किया है लेकिन उसकी दहाड़ को नहीं रोक पा रहे हैं। जो लोग जुमला लेकर आए थे वो लोग गारंटी लेकर आए हैं, ये जुमले से 10 साल बड़ी गारंटी है। देश को इनकी गारंटी नहीं चाहिए, देश को बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के संविधान की गारंटी चाहिए।"

जनता ने इन्हें हटाने का मन बना लिया

यूपी के पूर्व सीएम ने कहा, "झारखंड ने मन बना लिया है इन्हें हटाने का। हम लोग उत्तर प्रदेश से आए हैं वहां पहले चरण से जनता ने इन्हें हटाने का मन बना लिया। जब उत्तर प्रदेश में इनका सफाया हो सकता है तो झारखंण्ड में भी होगा। ये कहते थे कि सत्ता में आएंगे 2 करोड़ रोजगार देंगे। लेकिन आज पीछे मुड़कर देखो 10 साल में नौकरी तो दूर इनके हर फैसले ने न केवल नौकरी छिनी है बल्कि रोजगार के अवसर खत्म कर दिए। आज हालात ऐसे हैं कि पढ़ने लिखने वाला नौजवान 90 प्रतिशत बेरोजगार हो गया।"

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