ओडिशा चुनाव 2024: चुनावों में हार के बाद नवीन पटनायक का ये करीबी हुआ गायब, क्या BJD की हार के लिए था जिम्मेदार?

  • लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हुई बीजद पार्टी की हार
  • नवीन पटनायक के करीबी नेता हुए गायब
  • बीजेडी की हार पर पूर्व विधायक का बयान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-06 12:37 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ओडिशा में इस बार के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी बीजु जनता दल (बीजद) पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी। इसके बाद से ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सबसे करीबी माने जाने वाले पूर्व आईएएस ऑफिसर वीके पांडियन गायब हो गए हैं। दरअसल, बीजद पांडियन पर पार्टी की हार का पूरा जिम्मा थोप रही है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, 4 जून को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद से ही पांडियन ने सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आ रहे हैं। इसके अलावा वह राज्यपाल को सीएम पद से इस्तीफा सौंपने गए निर्वतमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ भी पांडियन नहीं दिखाई दिए।

बैठक से गायब रहे पांडियन

नवीन पटनायक ने बुधवार को सीएम आवास पर बीजद के निर्वाचित 51 विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस दौरान पांडियन बैठक में अनुपस्थित रहे थे। नवीन पटनायक के साथ चौंबीसों घंटे साए की तरह वाले वीके पांडियन का इस तरह से गायब रहना कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

इस बारे में बीजू जनता दल की पूर्व विधायक सौम्य रंजन पटनायक ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक इस तरह से अपने करीबी सहयोगी वी के पांडियन पर जबरन चुनावों में हार का जिम्मेदार नहीं थोप सकते हैं। बल्कि, उन्हें खुद इस हार का जिम्मा लेना चाहिए और राज्य में एक जिम्मेदार विपक्ष का कर्तव्य निभाना चाहिए। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीजद पार्टी की हार पर सौम्य रंजन ने कहा, "वी के पांडियन कौन हैं और वह हेलीकॉप्टर में राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा कैसे कर रहे थे? उन्हें पूर्व शक्ति किसने दी?" उन्होंने कहा, "वह मुख्यमंत्री ही थे, जिन्होंने उन्हें ऐसा करने की उन्हें अनुमति दी थी।" 

ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव का परिणाम 

ओडिशा विधानसभा चुनाव में राज्य की 147 में से 78 सीटों पर जीत हासिल करके भाजपा ने सरकार बनाई है। बीजद की बात करें तो पार्टी 51 सीटों पर ही सिमट गई। जबकि, कांग्रेस के खाते में 14 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को 1 एक सीट पर जीत मिली है। राज्य में लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजद का प्रदर्शन काफी बुरा रहा। पार्टी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई। 

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