खेल: आईपीएल में क्या भविष्य में नहीं होगा मेगा ऑक्शन? इम्पैक्ट प्लेयर और रिटेंशन पर भी सस्पेंस!
आईपीएल 2025 की तैयारियों को तेज करने के लिए टीम मालिकों और बीसीसीआई की बैठक हुई। टूर्नामेंट के मेगा ऑक्शन के लिए कितने खिलाड़ी एक टीम में रिटेन किए जाएंगे, रिटेंशन की संख्या क्या होगी? क्या इम्पैक्ट नियम होना चाहिए, इन तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, इस बैठक में बीसीसीआई ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। आईपीएल 2025 की तैयारियों को तेज करने के लिए टीम मालिकों और बीसीसीआई की बैठक हुई। टूर्नामेंट के मेगा ऑक्शन के लिए कितने खिलाड़ी एक टीम में रिटेन किए जाएंगे, रिटेंशन की संख्या क्या होगी? क्या इम्पैक्ट नियम होना चाहिए, इन तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, इस बैठक में बीसीसीआई ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की 10 फ्रेंचाइजी के बीच बैठक में विवाद का मुख्य मुद्दा यह था कि आगामी सीजन से पहले मेगा ऑक्शन की जाए या नहीं।
बुधवार रात मुंबई में बीसीसीआई के मुख्यालय में आईपीएल टीमों के मालिकों की बीसीसीआई के साथ बैठक में कोई फैसला नहीं निकला। इसके बाद बीसीसीआई ने आने वाले कुछ हफ्तों में इस पर फैसला लेने की बात कही है।
क्रिकबज की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ टीम मालिक मेगा ऑक्शन के खिलाफ हैं, जिसमें कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक शाहरुख खान भी शामिल हैं।
इसकी पुष्टि दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल ने मुंबई में पत्रकारों से की, जिन्होंने कहा कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर भी मतभेद है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि अगर बीसीसीआई मेगा ऑक्शन को खत्म करने का फैसला करता है, तो रिटेंशन की कोई जरूरत नहीं रह जाएगी।
चर्चा का दूसरा मुद्दा रिटेंशन की संख्या थी और इस मुद्दे पर भी दस मालिकों के बीच सहमति नहीं बनी।
जानकारी के अनुसार, बैठक में एक समय ऐसा भी आया, जब केकेआर के मालिक पंजाब किंग्स के सह-मालिक नेस वाडिया के साथ रिटेंशन की संख्या को लेकर तीखी बहस में उलझ गए। शाहरुख बड़े रिटेंशन के पक्ष में थे, जबकि वाडिया इसके खिलाफ थे।"
इम्पैक्ट प्लेयर नियम का मूल उद्देश्य था कि अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों को अधिक मैच अनुभव मिले। हालांकि भारतीय टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा सहित कई प्रमुख खिलाड़ियों और कोचों का मानना है कि इससे खेल का संतुलन खराब हो रहा है और ऑलराउंडर्स का विकास रुक गया है।
जिंदल भी रोहित से सहमत नजर आते हैं। बैठक के बाद उन्होंने कहा, "कुछ लोग यह नियम चाहते हैं क्योंकि इससे भारतीय युवा खिलाड़ियों को मौका मिलता है, लेकिन कुछ लोग इसे नहीं चाहते क्योंकि इससे ऑलराउंडर्स का विकास रुक गया है। मैं दूसरी तरफ हूं।
"यह खेल '11 बनाम 11' का ही होना चाहिए और ऑलराउंडर्स इसके महत्वपूर्ण तत्व हैं। इस नियम के कारण कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनकी पूरे सीजन के दौरान गेंदबाजी या बल्लेबाजी आती ही नहीं, जो कि भारतीय क्रिकेट के लिए सही नहीं है।"
रिटेंशन इस बैठक का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा था। सनराइजर्स हैदराबाद की सीईओ काव्या मारन ने अनुरोध किया कि रिटेंशन में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या को सीमित ना किया जाए। इस बात से कुछ अन्य फ्रेंचाइजी भी सहमत हैं।
बैठक के लिए मुंबई पहुंचे अन्य आईपीएल मालिकों में दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक किरण कुमार ग्रांधी, संजीव गोयनका (लखनऊ सुपर जायंट्स), रूपा गुरुनाथ (चेन्नई सुपर किंग्स) शामिल हैं।
राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक मनोज बदाले, सीईओ जेक लश मैक्रम और कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत बरठाकुर, अमित सोनी (गुजरात टाइटन्स) और प्रथमेश मिश्रा (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) भी मौजूद थे।
कुछ मालिकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें मुंबई इंडियंस का अंबानी परिवार भी शामिल था।
बैठक में बड़ी नीलामी के दौरान राइट टू मैच का विकल्प हो या ना हो, अनकैप्ड खिलाड़ियों को स्काउट करने और उनकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए क्या टीमों को इंसेंटिव मिलना चाहिए, इस पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा बड़ी नीलामी कितने साल पर हो और उसमें पर्स कितना हो, ये भी बैठक के कुछ अहम बिंदु थे।
बीसीसीआई द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया कि इन सभी सुझावों का मूल्यांकन कर रिटेंशन और ऑक्शन के नियम तय किए जाएंगे। अगस्त के अंत तक ये नियम सुनिश्चित हो सकते हैं।
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