राष्ट्रीय: पीएम मोदी के चार अक्षर 'जीवाईएएन', भारत को बना रहे सशक्त
किसी भी देश की तरक्की में सभी लोगों की अहम भागीदारी होती है। खासकर भारत जो आबादी के मामले में विश्व का दूसरा देश है। ऐसे में देश को सशक्त और विकास की राह पर ले जाने के लिए सभी क्षेत्रों के लोगों की अहम जिम्मेदारी हो जाती है। बात करें पिछले 10 साल की तो, भारत ने कई बड़े कीर्तिमान स्थापित किए हैं, फिर वो चाहे कोई भी क्षेत्र हो।
नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)। किसी भी देश की तरक्की में सभी लोगों की अहम भागीदारी होती है। खासकर भारत जो आबादी के मामले में विश्व का दूसरा देश है। ऐसे में देश को सशक्त और विकास की राह पर ले जाने के लिए सभी क्षेत्रों के लोगों की अहम जिम्मेदारी हो जाती है। बात करें पिछले 10 साल की तो, भारत ने कई बड़े कीर्तिमान स्थापित किए हैं, फिर वो चाहे कोई भी क्षेत्र हो।
साल 2014 के बाद से देश को विकास की रफ्तार की गति मिली है। नरेंद्र मोदी के सत्ता पर काबिज होने के बाद सरकार भारत को विकसित बनाने का प्रयास कर रही है। केंद्र की मोदी सरकार अपने 10 साल के कार्यकाल में 'सबका साथ, सबका विकास' के संकल्प को साकार करने में जुटी हुई है। सरकार का बजट इन सभी पर फोकस रहा है।
दरअसल, पीएम मोदी अक्सर अपने भाषण में 'ज्ञान (जीवाईएएन)' शब्द का इस्तेमाल करते हैं। इन चार अक्षरों में चार मुख्य वर्ग को शामिल किया गया है, जिसमें जी - गरीब, वाई - युवा, ए - अन्नदाता, एन - नारी वर्ग हैं। प्रधानमंत्री (चार जातियों) गरीब, युवाओं, अन्नदाता और महिलाओं को आगे बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। सरकार का 'सबका साथ, सबका विकास' संकल्प के साथ इन जातियों पर आधारित बजट रहा है। इन चार जातियों पर फोकस को ऐसे देखा जा सकता है कि 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर हुए हैं।
मोदी सरकार में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और जीरो लीकेज डिलीवरी से एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। डीबीटी के माध्यम से 34 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए है। इतना ही डीबीटी को लीकेज मुक्त बनाकर 2.7 लाख करोड़ की बचत सुनिश्चित हुई है। इसके माध्यम से बिना भेदभाव के हर क्षेत्र और समुदाय के लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। देशभर में कई योजनाओं के जरिए 11 करोड़ से अधिक किसानों को सरकार ने मदद पहुंचाई है। 78 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स ने सरकार से लोन प्राप्त किया। इसके अलावा मोदी सरकार की योजनाओं के माध्यम से 18 क्षेत्रों में कारीगरों को सहायता मिल रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और खपत में सुधार हुआ है।
वहीं, ई-नैम ऑनलाइन मार्केटिंग साइट है, जिसमें 1,361 मंडियों को एकीकृत किया गया है। जिनकी ट्रेडिंग मात्रा 3 लाख करोड़ है। वहीं, 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के माध्यम से लोगों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की गई। सरकार ने अपने अंतरिम बजट में लोकलुभावन वादे की जगह इनोवेशन और विकास को बढ़ावा देने के लिए फिजिकल, सोशल और डिजिटल बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश का वादा किया है।
सरकार मध्यम वर्ग को अपना घर बनाने के लिए एक विशेष योजना से सहायता देगी। वित्त वर्ष 2014 से 2024 में कर आय मुक्त 2.2 लाख से बढ़कर 7.5 लाख रुपये हो गई है। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा संचालित अर्थव्यवस्था ने डिजिटल पेमेंट्स और डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट अर्थव्यवस्था के नए खंड की शुरुआत की। जिसका नतीजा ये रहा कि 2023 में यूपीआई पेमेंट 110 बिलियन से अधिक हो गया।
10 सालों में युवाओं के लिए मुद्रा ऋण के जरिए लोन में आसानी प्रदान की गई। 40 करोड़ से ज्यादा लोन ने उद्यमिता क्षेत्र को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। खास बात ये है कि इस लोन व्यवस्था में 70 फीसदी महिलाओं को लोन दिया गया है। अनुसंधान और इंनोवेशन की भावना का समर्थन करते हुए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये के कोष का ऐलान किया है। युवा उद्यमियों को इस कोष से ब्याज मुक्त दीर्घकालिक लोन मिल सकेगा।
पिछली सरकार की तुलना में मोदी सरकार में महिला सशक्तीकरण को ज्यादा बढ़ावा दिया गया है। देश की आर्थिक वृद्धि में महिलाओं की भागीदारी प्रमुख हुई है। वो मुद्रा लोन की मुख्य लाभार्थी हैं। इतना ही नहीं पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए 2 करोड़ घरों में 70 प्रतिशत से अधिक घरों की मालकिन महिलाएं हैं। स्टेम कोर्सेस में 70 फीसदी से अधिक महिलाओं का नामांकन है।
ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई ने महिलाओं के जीवन को और बेहतर बनाया है। 83 लाख स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 9 करोड़ से अधिक महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसके अलावा जनधन, स्वच्छ भारत, जल जीवन और पीएम आवास जैसी कल्याणकारी योजनाओं के साथ सरकार ने महिला का सम्मान और समृद्धि सुनिश्चित किया है। सरकार ने अपने अंतरिम बजट में ऐलान किया है कि 9 से 14 साल की बेटियों को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी।
किसानों के हितों में केंद्र की प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख से ज्यादा अन्नदाताओं को फायदा मिला है। साथ ही 10 लाख अतिरिक्त रोजगार का सृजन हुआ है। माइक्रो फूड उद्यमों ने 2.4 लाख एसएचजी और 600 से अधिक उद्यमियों को फॉर्मल क्रेडिट तक पहुंच प्रदान की है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। दुधारू पशुओं में उत्पादक बढ़ाने के प्रयास चल रहे है। वहीं, मोदी सरकार ने मछुआरों की सहायता को समझते हुए अलग से मत्स्य पालन के लिए अलग विभाग की स्थापना की।
साफ है कि पीएम मोदी की धारणा है कि गरीब, युवा, किसान और नारी की तरक्की में ही, देश की प्रगति हो सकती है। इसलिए केंद्र सरकार ने अपने अंतरिम बजट में भी इन चारों वर्गों को खास ध्यान दिया है। इसके अलावा सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के अंतरिम बजट में इन्हीं चारों वर्गों के विकास पर जोर देते हुए योजनाओं का खाका भी खींचा है।
उनका विजन साफ है कि चारों को सशक्त करने के बाद ही देश उन्नति कर सकता है। इस बजट के बाद इन चारों वर्गों की मोदी सरकार से उम्मीदें ज्यादा बढ़ गई हैं। बता दें कि संसद में बजट पेश होने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए इन चारों वर्गों पर फोकस किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार का ये अंतरिम बजट विकसित भारत के चार स्तंभ युवा, गरीब, महिला और किसान सभी को सशक्त करेगा।
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