संस्कृति: जनकपुर में भगवान राम के विवाह को लेकर उत्सव जैसा माहौल, किए गए खास इंतजाम सतीश कुमार सिंह

अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार भगवान श्रीराम की बारात नेपाल के जनकपुर आ रही है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-12-02 18:54 GMT

जनकपुर (नेपाल), 3 दिसंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार भगवान श्रीराम की बारात नेपाल के जनकपुर आ रही है।

बारात के स्वागत के लिए जनकपुर में भव्य तैयारियां की जा रही हैं। इसे दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। विशेष रूप से भव्य पंडाल तैयार किया जा रहा है। भगवान राम की बारात के स्वागत के लिए पूरा जनकपुर उत्साहित है।

इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर नेपाल के जनकपुर क्षेत्र के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह ने कहा कि इस दौरान भारत और नेपाल के बहुत सारे श्रद्धालु आने वाले हैं। ऐसे में तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं को रहने, खाने ठहरने के लिए की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मां जानकी के शुभ विवाह समारोह में हिस्सा बनने के लिए जो भक्त आ रहे हैं, उनका हम स्वागत करते हैं। यहां सभी लोग उत्साहित है। इस क्षण की अनुभूति हम लोगों के लिए खास है।

बता दें कि यहां सीता-राम महोत्सव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इसे यहां पर विवाह पंचमी भी कहा जाता है। आगामी 6 दिसंबर को विवाह पंचमी है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम और माता-सीता का विवाह हुआ था। हर साल इस दिन सीता-राम का विवाह कराया जाता है। हिन्दुओं के साथ ही साथ नेपाल के जनकपुर में रहने वाले मिथिलांचल के लोगों के लिए भी यह दिन काफी महत्व रखता है।

अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम और माता सीता के विवाह का इतना भव्य उत्सव पहली बार मनाया जा रहा है। तिरुपति से चालीस वैदिक ब्राह्मण जनकपुर धाम में सीता-राम का विवाह संपन्न कराएंगे। ये वैदिक ब्राह्मण विवाह की रस्में संपन्न कराने के लिए सीधे जनकपुर पहुंचेंगे। अयोध्या से जनकपुर तक विवाह की तैयारियां इतनी जादुई हैं कि वे त्रेता युग की राम बारात की यादें ताजा कर देती हैं ।

भगवान राम की बारात माता सीता से विवाह करने के लिए अयोध्या से जनकपुर के लिए बड़ी धूमधाम से रवाना हो चुकी है। इस बारात में 500 से अधिक बाराती हैं। बारात के अयोध्या होते हुए आजमगढ़, बक्सर, पटना, मुजफ्फरपुर के कांटी, सीतामढ़ी, बेनीपट्टी, मधवापुर होते हुए 2 दिसंबर को नेपाल में प्रवेश करने का कार्यक्रम था। यहां से 3 दिसंबर को रामलला की बारात जनकपुर धाम पहुंचेगी और 7 दिसंबर तक बाराती यहां रहेंगे। इसके बाद बाराती 8 दिसंबर को अयोध्या के लिए वापस लौटेंगे।

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