धर्म: काशी में रंगभरी एकादशी पर निकली मां गौरा की पालकी, शहर की फिजा में घुला होली का रंग

रंगभरी एकादशी पर बुधवार को कांजीवरम साड़ी पहनी मां गौरा, बाबा विश्‍वनाथ के परंपरागत राजसी परिधान खादी, शिव व गौरा के शीश पर बंगीय देवकिरीट और अयोध्या व मथुरा के गुलाल के रंग में रंगी मां गौरा के गौने की पालकी निकली।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-20 16:44 GMT

वाराणसी, 20 मार्च (आईएएनएस)। रंगभरी एकादशी पर बुधवार को कांजीवरम साड़ी पहनी मां गौरा, बाबा विश्‍वनाथ के परंपरागत राजसी परिधान खादी, शिव व गौरा के शीश पर बंगीय देवकिरीट और अयोध्या व मथुरा के गुलाल के रंग में रंगी मां गौरा के गौने की पालकी निकली।

काशी की गलियां हर हर महादेव के उद्घोष और डमरुओं की आवाज से गूंज उठीं। भोलेनाथ के भक्तों के कंधे पर रजत पालकी में बाबा के साथ माता पार्वती अपने ससुराल काशी विश्‍वनाथ धाम पहुंचीं। बाबा को ग़ुलाल अर्पित करके भक्तों ने महादेव से होली खेलने की इजाजत मांगी।

इसके बाद काशी की गलियों में ग़ुलाल उड़ता दिखा और पूरी काशी की फिजा में होली का रंग घुल गया। श्री काशी विश्‍वनाथ धाम में मां पार्वती के स्वागत के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।

बाबा विश्‍वनाथ व माता पार्वती के गौना से ही बनारस होली के रंग में डूब जाती है। अयोध्या से आया गुलाल व मथुरा के जेल में कैदियों द्वारा तैयार की गई खास हर्बल अबीर भी बाबा को अर्पित की जाती है।

रजत पालकी पर बाबा और मां पार्वती के साथ पुत्र गणेश भी विराजमान थे। भक्तों ने इस अद्भुत क्षण के दर्शन किए। काशी अपनी परंपराओं की जड़ों को हमेशा सींचती रहती है। सदियों पुरानी संस्कृति का जीवंत रूप काशी में रंगभरी एकादशी पर तब देखने को मिलता है, जब पूर्व महंत आवास (गौरा सदनिका) से श्रद्धालु पालकी में अपने कंधे पर लेकर मां पार्वती का गौना लेकर कैलाश यानी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचते हैं।

इस लौकिक परंपरा के लोकाचार की शुरुआत कई दिनों से पूर्व महंत के आवास टेढ़ी नीम पर निभाई जाती है, जहां से काशीवासी बाबा के संग मां पार्वती की विदाई कराते हैं। रंगभरी एकादशी पर श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर न्यास द्वारा महादेव एवं मां गौरा की शोभायात्रा मंदिर परिसर में धूमधाम से निकाली गई।

मां के ससुराल आगमन की ख़ुशी में श्री काशी विश्‍वनाथ धाम में भी शहनाई बजी। पद्मश्री सोमा घोष सहित अन्य ख्यातिलब्ध प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक संध्या में शिवार्चनम प्रस्तुतियां की गई।

बाबा के शयन आरती तक भजन, गीत, संगीत की सरिता में भक्त डूबे दिखे। श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्‍व भूषण मिश्र ने बताया कि संपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग धाम के यूट्यूब चैनल तथा फेसबुक लाइव से की गई। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन की ओर से सोशल मीडिया पर भी बाबा व मां गौरा से जुड़े कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रंगभरी एकादशी पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''बाबा विश्‍वनाथ के सभी भक्तों को रंगभरी एकादशी की ढेरों शुभकामनाएं। भगवान शिव और मां पार्वती से जुड़े इस पावन अवसर के साथ ही काशी में होली का पर्व भी शुरू हो रहा है। मेरी कामना है कि उनके आशीर्वाद से काशी सहित देशभर के मेरे परिवारजनों के जीवन में समृद्धि और खुशहाली आए।''

उधर, हरिश्चंद्र महाश्मशान पर होली का अद्भुत नजारा लोगों के लिए यादगार बन गया। हरिश्चंद्र घाट पर पैर रखने की भी जगह नहीं बची थी। इस दौरान निकली शोभायात्रा में नरकंकाल पहनकर तांडव करते हुए भोलेभक्त घाट तक पहुंचे।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Similar News