राष्ट्रीय: नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री दिल्ली हाईकोर्ट ने एकल-न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील पर कहा, मेहुल चोकसी की पेशी हो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री प्री-स्क्रीन 'बैड बॉय बिलियनेयर्स' से जुड़े मामले में मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी व्यवसायी मेहुल चोकसी को उसकी याचिका खारिज करने के एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली अपील की सुनवाई के लिए अदालत के समक्ष पेश होने को कहा।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-13 16:04 GMT

नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री प्री-स्क्रीन 'बैड बॉय बिलियनेयर्स' से जुड़े मामले में मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी व्यवसायी मेहुल चोकसी को उसकी याचिका खारिज करने के एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली अपील की सुनवाई के लिए अदालत के समक्ष पेश होने को कहा।

चोकसी ने दलील दी है कि डॉक्यूमेंट्री, जो अक्टूबर 2020 में रिलीज़ हुई थी, में दो मिनट का एक फुटेज शामिल था, जिसमें उन्हें नकारात्मक रूप से चित्रित किया गया था। उन्होंने चिंता जताई है कि इससे भारत में उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही पर असर पड़ सकता है।

गीतांजलि जेम्स के प्रमोटर चोकसी अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं। उन्होंने 2019 में भारत छोड़ दिया और उन्हें एंटीगुआ और बारबुडा में नागरिकता प्रदान की गई।

इससे पहले, जस्टिस विभू बाखरू और अमित महाजन की पीठ ने चोकसी को अपनी अपील पर आगे बढ़ने से पहले अदालत में 2 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।

अदालत ने कहा था कि चोकसी न तो भारतीय नागरिक है और न ही भारत का निवासी है, मगर उसके खिलाफ देश में कई कार्यवाही लंबित हैं।

पीठ ने चोकसी को कार्यवाही की लागत सुरक्षित करने के लिए राशि जमा करने का निर्देश दिया था।

अदालत ने कहा था कि यदि भगोड़ा अपनी अपील में सफल नहीं होता है, और उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाता है, तो राशि की वसूली का कोई रास्ता नहीं हो सकता।

एकल न्यायाधीश ने 28 अगस्त, 2020 को चोकसी को राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि निजी अधिकार को लागू करने के लिए रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

अदालत ने कहा था कि उसका इलाज एक दीवानी मुकदमे में निहित है और उसे उसमें इस मुद्दे को उठाने की स्वतंत्रता दी गई थी।

खंडपीठ ने 7 सितंबर, 2020 को एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर केंद्र और नेटफ्लिक्स से जवाब मांगा था।

नेटफ्लिक्स ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इंटरनेट वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को विनियमित नहीं किया जा सकता और चोकसी के लिए उचित उपाय दीवानी मुकदमा दायर करना है।

एकल न्यायाधीश के समक्ष चोकसी की याचिका में दावा किया गया कि उन पर भारत में विभिन्न अपराधों का झूठा आरोप लगाया गया है और उन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार, प्रतिष्ठा के अधिकार के साथ-साथ निर्दोषता का अनुमान लगाने और निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है।

हालांकि, एकल न्यायाधीश ने यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया था कि इसका उपाय दीवानी मुकदमे में निहित है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Similar News