Asian Wrestling Championships 2020: सुनील कुमार ने रचा इतिहास, 27 साल बाद भारत को दिलाया गोल्ड
Asian Wrestling Championships 2020: सुनील कुमार ने रचा इतिहास, 27 साल बाद भारत को दिलाया गोल्ड
- 87 किलो ग्राम ग्रीको रोमन श्रेणी में 27 साल बाद जीता स्वर्ण पदक
- एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में सुनील कुमार ने इतिहास रच दिया
- सुनील कुमार ने किर्गिजस्तान के अज़ात सलिदिनोव को 5-0 से हराया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में सुनील कुमार ने 87 किलो ग्राम ग्रीको रोमन श्रेणी में स्वर्ण पदक जीत लिया है। इस पदक के साथ चैंपियनशिप में भारत का खाता खुला है। अनुभवी सुनील कुमार ने किर्गिजस्तान के अज़ात सलिदिनोव को 5-0 से हराकर 27 साल बाद ग्रीको रोमन में स्वर्ण पदक हासिल किया है। आखिरी गोल्ड 1993 में पप्पू यादव ने जीता था।
सेमीफाइनल में दी थी 12-8 से मात
सुनील ने 87 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में उन्होंने कजाकिस्तान के अजमत कुस्ताबायेव को 12-8 से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी। भारतीय पहलवान सेमीफाइनल मुकाबले में एक समय 1-8 से पीछे चल रहे थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने बेहतरीन वापसी की और लगातार 11 अंक लेकर 12-8 से मुकाबला जीता। क्वार्टर फाइनल में जापान के ताकाहिरो सुरुदा को 8-2 से मात देकर सुनील ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।
अर्जुन सेमीफाइनल में हारे
इससे पहले, दिन के अन्य मुकाबलों में अर्जुन हालाकुर्की (55 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। अर्जुन को सेमीफाइनल में ईरान के पौया मोहम्मद नासेरपोउर से करीबी मुकाबले में 7-8 से मात खानी पड़ी। अर्जुन अब कांस्य पदक के लिए रिंग में उतरेंगे, जहां उनके सामने कोरिया के डोंगयेओक की चुनौती होगी।
मेहर सिंह को भी 130 किग्रा के सेमीफाइनल मुकाबले में मात खानी पड़ी। मेहर को कोरिया के मिनसिओक किम से 1-9 से करारी शिकस्त खानी पड़ी। मेहर को तीन दिन पहले ही भारतीय टीम में शामिल किया गया था। उन्हें चोटिल नवीन की जगह चुना गया था। सेमीफाइनल में हार के बाद मेहर अब कांस्य पदक मुकाबले में उतरेंगे।
दिन के पहले क्वालीफिकेशन में साजन को किर्गिस्तान के पहलवान रेनत इलियाजुलु से 6-9 से हार का सामना करना पड़ा। सचिन राणा (63 किग्रा) ने अंतिम-16 में कजाकिस्तान के टायनर शारशेनबेकोव को 6-0 से हराया। लेकिन अंतिम-8 में उन्हें इल्मुरत तस्मुरादोव से 0-8 से हार का सामना करना पड़ा।
राणा के प्रतिद्वंद्वी के फाइनल में पहुंचने के कारण उन्हें रेपचेज में उतरने का मौका मिल गया। लेकिन उन्हें रेपचेज में भी कजाकिस्तान के येरनुर फिदाखमेटोव से 3-6 से मात खानी पड़ी।