वुशु दिग्गज अभिषेक जामवाल ने जम्मू-कश्मीर के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता
राष्ट्रीय खेल वुशु दिग्गज अभिषेक जामवाल ने जम्मू-कश्मीर के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता
- राष्ट्रीय खेल: वुशु दिग्गज अभिषेक जामवाल ने जम्मू-कश्मीर के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता
डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। अभिषेक जामवाल ने इससे पहले दो मौकों पर नाकाम रहने के बाद आखिरकार तीसरे प्रयास में जम्मू एवं कश्मीर के लिए 36वें राष्ट्रीय खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीत ही लिया। जामवाल ने यहां महात्मा गांधी परिसर में मंगलवार को हुए वुशु सांडा 56 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में मयंक महाजन (पंजाब) को हराया।
लद्दाख ने भी राष्ट्रीय खेलों में अपना पहला पदक जीता। वुशु में दो कांस्य पदक के साथ पदक लद्दाख ने पहली बार ही राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेते हुए तालिका में अपना नाम दर्ज कराया। ओवैस सरवर अहेंगर (65 किग्रा वर्ग और प्रथम सिंह (75 किग्रा वर्ग) ने इस केंद्र शासित प्रदेश की टीम के लिए दो पदक जीते।
इधर, सर्विसेज ने अपने संग्रह में तीन और स्वर्ण जोड़े। सर्विसेज ने 56 स्वर्ण, 34 रजत और 30 कांस्य पदक के साथ चार्ट में पहला स्थान हासिल कर रखा है। हरियाणा, महाराष्ट्र के 36 स्वर्ण पदकों की बराबरी कर सकता था, लेकिन उसके दो वुशु खिलाड़ी अपने-अपने फाइनल हार गए। मेजबान गुजरात ने नाटकीय अंदाज में ट्रायथलॉन मिश्रित रिले रजत जीता। किशोर कृशिव हितेश पटेल ने गुजरात को पदक की दौड़ में बनाए रखने के लिए पैरों के एक टूटे अंगूठे के साथ मुकाबला जारी रखा।
मोनिका नागपुरे और करण नागपुरे की भाई-बहन की जोड़ी ने गुजरात को आठवें स्थान से ऊपर ले जाने का काम किया और फिर प्रगन्या मोहन ने 2 मिनट 44 सेकंड के गैप के साथ टीम को रजत पदक दिला दिया। दिन के सबसे अच्छा प्रदर्शन हालांकि अभिषेक जामवाल के नाम रहा। पिछले दो राष्ट्रीय चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल चरण में हारने के बाद अगले साल के एशियाई खेलों पर नजर रखते हुए इस खिलाड़ी ने 56 किग्रा वर्ग जाने का फैसला किया और इसी कारण वह केवल स्वर्ण पदक के साथ घर लौटने चाहते थे।
वह अब उम्मीद कर रहे हैं कि सफलता उन्हें जीवन में बेहतर चीजों की ओर लेकर जाएगी, जिसमें नौकरी भी शामिल है। एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता नाओरेम रोशिबिना देवी (मणिपुर) ने हालांकि महिलाओं के सांडा 60 किग्रा वर्ग के फाइनल में रितु (हरियाणा) पर जीत हासिल की लेकिन अभिषेक जामवाल की चमक इसके बावजूद भी बरकरार रही। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि मैं हाल ही में पिंडली की हड्डी की चोट से उबरकर अपने कोच द्रोणाचार्य कुलदीप हांडू सर को पदक उपहार में देने में सक्षम हुआ।
पूर्व किकबॉक्सर कुलदीप हांडू ने जम्मू में युवाओं को मुफ्त वुशु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय खेल संस्थान, पटियाला से एक कोचिंग प्रमाणपत्र प्राप्त किया। उन्होंने कहा, मुझे गर्व है कि मैंने अपनी टीम को कम से कम एक स्वर्ण पदक दिलाया।
सोर्सः आईएएनएस
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