मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य एशियाई खेलों में पदक जीतना
प्रणय शर्मा मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य एशियाई खेलों में पदक जीतना
- एशियाई खेल एक शीर्ष स्तर की प्रतियोगिता है और वहां पदक से बढ़कर कुछ नहीं है।
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। विश्व के 60वें नंबर के खिलाड़ी और पुरुष कुमाइट (67 किग्रा वर्ग) में भारत के नंबर एक खिलाड़ी प्रणय शर्मा चोट लगने के बावजूद यहां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 के सेमीफाइनल में जीत दर्ज की।
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले शर्मा ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के वैभव वालिया के साथ फाइनल मुकाबले को लेकर कहा, मैं फाइनल को लेकर आश्वस्त और सकारात्मक महसूस कर रहा हूं। मैं पूरी तरह से तैयार महसूस कर रहा हूं। थाईलैंड ओपन के स्वर्ण पदक विजेता और यूएसए ओपन के कांस्य विजेता शर्मा की नजर केआईयूजी गोल्ड पर है, लेकिन उनके पास अपने लिए और भी बड़े सपने हैं।
उन्होंने कहा, केआईयूजी के बाद मेरा तात्कालिक लक्ष्य एशियाई खेलों में अपने देश के लिए पदक जीतना है। मुझे लगता है कि मैं भारत के लिए एक पदक जीत सकता हूं और हमारे देश में कराटे के खेल को और भी आगे बढ़ा सकता हूं। एशियाई खेल एक शीर्ष स्तर की प्रतियोगिता है और वहां पदक से बढ़कर कुछ नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने कराटे में अपनी शुरुआत कैसे की, उन्होंने ने कहा, मेरे पिता भी कराटे खिलाड़ी थे। वह राष्ट्रीय स्तर पर खेले और उन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया और मुझे आगे बढ़ाया।हालांकि, शर्मा को वैभव वालिया से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, जिन्होंने आत्मविश्वास भी दिखाया।
उन्होंने कहा, मैं वास्तव में अच्छा महसूस कर रहा हूं कि मैं फाइनल में हूं, लेकिन मैं स्वर्ण जीतने की पूरी कोशिश करूंगा। अगर मैं स्वर्ण जीतता हूं तो मेरे माता-पिता मुझसे ज्यादा खुश होंगे। उन्होंने मेरी बहुत मदद की है और मैं उनके बिना कुछ भी नहीं हूं। मेरे पिता बहुत खुश होंगे, क्योंकि वह मुझे टीवी पर गोल्ड जीतते देखेंगे। प्रणय शर्मा और वैभव वालिया सोमवार को 75 किग्रा व्यक्तिगत कुमाइट फाइनल में अपना खिताबी मुकाबला खेलेंगे।
(आईएएनएस)