टोक्यो ओलंपिक से बाहर होने के बाद फूट-फूट कर रोने लगी मेरीकॉम, बोलीं- विश्वास नहीं हो रहा कि मैं हार गई, फैसला दुर्भाग्यपूर्ण था
टोक्यो ओलंपिक से बाहर होने के बाद फूट-फूट कर रोने लगी मेरीकॉम, बोलीं- विश्वास नहीं हो रहा कि मैं हार गई, फैसला दुर्भाग्यपूर्ण था
- 5 में से 3 जज कोलंबियाई बॉक्सर के पक्ष में थे
- मेरीकॉम 3 में से 2 राउंड जीतने के बावजूद हारीं
- मेरीकॉम का ओलिंपिक गोल्ड का सपना टूटा
डिजिटल डेस्क, टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक में 51 किलोग्राम वेट कैटेगरी के प्री-क्वार्टर फाइनल में भारत की दिग्गज बॉक्सर मेरीकॉम करीबी मुकाबले में कोलंबियाई बॉक्सर इंग्रिट वेलेंसिया से 3-2 से हार गई। मेरिकॉम ने इस हार के बाद जज के फैसले पर हैरानी जताई। मेरीकॉम अपनी जीत को लेकर इतना कॉन्फिडेंट थी कि रिंग में विजेता की घोषणा से ठीक पहले उन्होंने अपना हाथ ऊपर उठा लिया था, लेकिन जब इंग्रिट को विजेता घोषित किया गया तो तो मेरीकॉम की आंखों में आंसू थे। इसके बाद कोलंबियाई बॉक्सर ने मेरीकॉम को गले से लगाया और उन्हें सांत्वना दी।।
38 वर्षीय बॉक्सर बॉक्सिंग अरेना को छोड़ने के बाद भी फाइनल रिजल्ट पर विश्वास नहीं कर पा रही थीं। मेरी कॉम ने कहा, "मैं 40 साल की उम्र तक खेलूंगी। इस मैच का फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था।" उन्होंने कहा, "मैंने सोचा था कि मैं पदक के साथ वापस आऊंगी। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं मैच हार गईं। मेरीकॉम ने कहा, "मैं विरोध भी नहीं कर सकती क्योंकि हमें बताया गया थी कि इस ओलंपिक में इसकी अनुमति नहीं है। इस तरह की चीजें मेरे साथ अतीत में भी हुई हैं और साथ ही अन्य प्रतियोगिताओं में भी। अकेले इस ओलंपिक के साथ ऐसा नहीं है। पिछली बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी मेरे साथ ऐसा ही हुआ था।" उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए सबसे खराब ओलंपिक था। इसका ऑर्गेनाइजेशन बहुत बुरा था। मेरे भीतर बहुत सारे अलग-अलग इमोशन चल रहे हैं।"
मेरिकॉम ने कहा, मैच के बाद मैं रिंग के अंदर खुश थी। जब मैं बाहर आई, तब भी मैं खुश थी। मुझे पता था कि मैं जीत गई थी। जब वे मुझे डोपिंग के लिये ले जा रहे थे, तब मैं ये बात जानती थी। मुझे मेरे कोच छोटे लाल यादव ने बताया कि मैं हार गई। मैंने किरण रिजिजू का ट्वीट देखा। उस ट्वीट से मुझे यकीन हुआ कि मैं हार चुकी हूं। मैंने 3 में से 2 राउंड जीते। फिर मैं हार कैसे गई। उन्होंने कहा है कि मैं इस फैसले को बिल्कुल भी नहीं समझ पा रही हूं। पता नहीं क्या गड़बड़ है, IOC और टास्क फोर्स को क्या समस्या है। मैं भी टास्क फोर्स की मेंबर थी। मैं साफ सुथरे मैच के लिए उन्हें सुझाव भी देती थी और उनका सहयोग भी करती थी। लेकिन, उन्होंने मेरे साथ क्या किया?
गुरुवार को जब मेरीकॉम रिंग में उतरीं तो उनके कंधे पर करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों का बोझ था। इससे पहले 2 मुकाबले जीतकर वे इन उम्मीदों पर खरी भी उतरीं पर प्री-क्वार्टर फाइनल में हार के बाद मेरीकॉम का ओलिंपिक गोल्ड जीतने का सपना टूट गया। इससे पहले वे 2012 लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं।
मैच की शुरुआत में 32 वर्षीय बॉक्सर इंग्रिट वेलेंसिया ने आक्रमक रुख अपनाते हुए पहला राउंड 4-1 से जीत लिया था, लेकिन मैरीकॉम ने दूसरे राउंड में चतुराई से खेलकर वापसी की। अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए मेरिकॉम ने ये राउंड 3-2 से जीता। इस राउंड में वेलेंसिया को 5 में से 2 जज ने 10-10 पॉइंट दिए। वहीं 3 जज ने 9-9 पॉइंट दिए। मेरीकॉम को 3 जज ने 10-10 पॉइंट दिए और 2 जजों से 9-9 पॉइंट मिले। तीसरा राउंड भी मेरीकॉम के नाम रहा। उन्हें 3 जजों ने 10-10 पॉइंट दिए। वहीं 2 जज ने 9-9 पॉइंट दिए। वेलेंसिया को 2 जज ने 10-10 पॉइंट दिए। जबकि 3 जज से उन्हें 9-9 पॉइंट मिले। हालांकि तीन राउंड के बाद 5 में से 3 जजों के पॉइंट के आधार पर वेलेंसिया जीत गईं।