स्वर्ण जीतने के बाद अवनि ने कहा, दुनिया के शीर्ष पर महसूस कर रही हूं
Paralympic स्वर्ण जीतने के बाद अवनि ने कहा, दुनिया के शीर्ष पर महसूस कर रही हूं
- अवनि ने कहा
- मैं बहुत खुश हूं कि मैने खेल में अपना योगदान दिया और आगे भी ऐसे ही देती रहूंगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय पैरा शूटर अवनि लेखरा ने दस मीटर एयर राइफल एसएच 1 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा कि वह शानदार महसूस कर रही हैं और आगे भी ऐसे ही खेलती रहेंगी। 19 वर्षीय अवनि पहली भरतीय महिला एथलीट बनी जिन्होंने पैरालंपिक में स्वर्ण जीता है। सोमवार को फाइनल के दौरान अवनि ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए 249.6 अंक प्राप्त किए और भारत को पैरालंपिक गेम्स में निशानेबाजी में पहला स्वर्ण पदक दिलाया।
अवनि ने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि मैने खेल में अपना योगदान दिया और आगे भी ऐसे ही देती रहूंगी। 2012 में एक कार दुर्घटना में अवनि का स्पाइनल कोर्ड चोटिल हो गया था जिसके चलते उनके कमर के नीचे के पूरे हिस्से को लकवा मार गया था।
अवनी ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनके राइफल से उनका अनोखा संबंध है। उन्होंने कहा, जब मैं अपने राइफल को उठाती हूं तो मुझे इससे अपनापन सा लगता है। निशानेबाजी के लिए फोकस और निरंतरता होना बहुत जरुरी है, जो मुझे इस खेल में काफी पसंद है।
राष्ट्रीय मुख्य कोच जेपी नौटियाल ने कहा, टोक्यो से हम स्वर्ण पदक के हकदार थे, अवनि ने वैसा ही खेला जैसे वह अभ्यास के दौरान खेलती हैं। उन्होंने पूरे देश के लिए और आने वाले निशानेबाजों के लिए एक मिसाल पेश की है।
नौटियाल ने अवनि के कोच चंद्रा शेखर जो जयपुर में हैं, और राष्ट्रीय कोच सुमा शीरुर को श्रेय देते हुए कहा, चंद्र शेखर उन्हें जयपुर में अभ्यास कराते हैं जबकि सुमा उन्हें तकनीक सिखाती है। मैं और सुभाष राणा अवनि को मानसिक रुप से तैयार करते हैं।
अब पैरा निशानेबाज एक सितंबर को सिद्दार्थ बाबू और दीपक के साथ आर 3 मिक्सड 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच 1 में भाग लेंगी। उसके बाद वह तीन सितंबर को आर 8 महिला 50 मीटर राइफल के तीन पॉजिशन में एसएच 1 में नजर आएंगी और फिर दीपक और सिद्दार्थ के साथ आर 6 में मिक्सड 50 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच 1 में भाग लेंगी।
आईएएनएस