दावों पर प्रतिक्रिया: यूपीएससी के पास नहीं है मेरी उम्मीदवारी खत्म करने की ताकत- पूजा खेडकर

  • पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी के लगे आरोप
  • दिल्ली हाईकोर्ट में 29 अगस्त को सुनवाई
  • केंद्र सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग एक्शन ले सकता है-खेडकर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-28 13:43 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग के दावों पर दिल्ली हाईकोर्ट में प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर ने कहा यूपीएससी के पास उनकी उम्मीदवारी को अयोग्य ठहराने की कोई ताकत नहीं है।  दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष खेडकर ने अपना जवाब दाखिल किया है। पूर्व आईएएस ट्रेनी ने अपने जवाब में कहा है कि एक बार परिवीक्षाधीन अधिकारी (Probationary Officer) के रूप में चयनित और नियुक्त हो जाने पर अभ्यर्थी की उम्मीदवारी को अयोग्य घोषित करने की यूपीएससी की शक्ति खत्म हो जाती है। यहीं नहीं खेडकर ने कोर्ट में कहा है कि अब उनके खिलाफ केंद्र सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ही एक्शन ले सकता है। डीओपीटी ​के मुताबिक एम्स द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने मेरा मेडिकल टेस्ट किया। मेरे सभी प्रमाण सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी किए गए हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच के समक्ष 19 जुलाई, 2024 को दर्ज एफआईआर में मुझ पर जो आरोप लगाए गए वो सभी झूठे हैं। मैंने यूपीएससी को अपने बारे में कोई भी गलत जानकारी मुहैया नहीं करायी है या धोखाधड़ी नहीं की है।

आपको बता दें पूजा खेडकर 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस थीं। उन पर आरक्षण का फायदा उठाने के लिए अपने बारे में गलत जानकारी मुहैया करने का आरोप लगा है। खेडकर को सिविल सर्विसेज एग्जाम-2022 में 841वीं रैंक मिली थी। मिली जानकारी के अनुसार उन पर अपनी उम्र और माता-पिता से जुड़ी गलत जानकारी देने, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेज का एग्जाम देने, फर्जी कास्ट और ​दिव्यांगता सर्टिफिकेट जमा कराने का आरोप है। यूपीएससी ने अपनी आंतरिक जांच में पूजा खेडकर को धोखाधड़ी का दोषी पाया और 31 जुलाई को उनके सिलेक्शन को कैंसिल कर दिया। साथ ही यूपीएससी ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई, गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट का रूख किया। पूजा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है 1 अगस्त, 2022 को अदालत ने उन्हें राहत देने से मना कर दिया था। इसके बाद उन्होंने 8 अगस्त, 2022 को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 अगस्त को पूर्व ट्रेनी IAS की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी। उन्होंने अदालत से अग्रिम जमानत की मांग की है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 29 अगस्त को होनी है।

पूजा खेडकर ने कहा है कि संघ लोकसेवा आयोग ने बायोमेट्रिक डेटा के जरिए मेरी पहचान को वेरिफाई किया, आयोग ने मेरे द्वारा प्रस्तुत किसी भी दस्तावेज को जाली या मनगढ़ंत नहीं पाया। उन्होंने दावा किया है कि 2012-2022 तक उनके नाम या उपनाम में कोई चेंज नहीं हुआ है न ही यूपीएससी को उन्होंने अपने बारे में कोई गलत जानकारी दी है।

दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में पूजा खेडकर ने कहा है, 'आयोग ने 2019, 2021 और 2022 में पर्सनैलिटी टेस्ट के दौरान एकत्र किए गए बायोमेट्रिक डेटा (साइबर और फिंगरप्रिंट) के माध्यम से मेरी पहचान सत्यापित की है। फिर 26 मई, 2022 को पर्सनैलिटी टेस्ट के दौरान आयोग द्वारा सभी दस्तावेजों को वेरिफाई किया गया। मैंने हलफनामा और आधिकारिक राजपत्र भी पेश किए।  पीडब्ल्यूबीडी (Person with Benchmark Disability), जाति और पिता के नाम के डिक्लरेशन के लिए यूपीएससी के अनुरोध का पालन किया। इसलिए आयोग की ओर से यह कहना गलत है कि मैंने अपना नाम गलत नाम बताया।

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