किसान आंदोलन: सरकार और किसानों के बीच कल होगी तीसरे दौर की बैठक, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत ये केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल
- आंदोलन के बीच किसान संगठन का बड़ा ऐलान
- गुरुवार को सरकार के साथ होगी तीसरी बैठक
- कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत तीन केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली कूच पर अमादा किसानों और केंद्र सरकार के बीच कल तीसरे दौर की बैठक होगी। चंडीगढ़ में होने वाली इस बैठक में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नित्यानंद राय मौजूद होंगे। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव और किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, हम सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं क्योंकि सरकार यह चाहती है। किसाने नेता ने आगे बताया कि उन्हें केंद्र सरकार की तरह से बुलावे का लेटर मिला है। जिमसें सरकार की ओर से बॉर्डर बने हालातों को सामान्य करने का आश्वासन दिया गया है, जिसके बाद किसान नेताओं ने इस बैठक के लिए हामी भरी है।
पंढेर ने कहा कि हमारा संगठन सरकार से टकराव नहीं बल्कि समाधान चाहता है। उन्होंने अनुराग ठाकुर के बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने वाले बयान का जिक्र करते हुए कहा कि जब हमें उनके बयान का पता चला तो हमने आपस में सलाह करके बातचीत करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस की जगह अब पैरामिलिट्री उन पर हमले कर रही है। इसी के चलते हम आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार का रवैया ठीक नहीं है। जब हम कह रहे हैं कि हम शांति से बैठेंगे, आगे नहीं बढ़ेंगे तो केंद्र सरकार को हम पर शैलिंग नहीं करनी चाहिए। ऐसे तो सरकार हमें भड़काने की कोशिश कर रही है।
वहीं बुधवार को किसान मजदूर मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हजारों किसान पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। यहां दिनभर किसान और पुलिस का टकराव बना रहा। जहां किसान हरियाणा में घुसने की कोशिश करते रहे तो वहीं पुलिस उन पर आंसू गैस के गोले फेंकती रही। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर असली गोलियां चलाई।
उधर, खनौरी बॉर्डर पर किसानों और पैरामिलिट्री फोर्स की भिड़ंत हुई। जिसमें जवानों ने जब प्रदर्शकारी किसानों का पीछा किया तो आगे उनसे ज्यादा किसान एकत्रित हो गए। इसके बाद किसानों ने जवानों को घेर लिया और उनके हेलमेट व डंडे छीन लिए। वहीं किसानों पर आंसू गैस के गोले फेंकने की घटना के बाद दूसरे किसान संगठन भी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आ गए हैं।