आदमखोर भेड़िये का आतंक: तीन साल की बच्ची बनी शिकार, अब तक नौ लोगों की जान ले चुके हैं खूंखार भेड़िये, 4 पकड़ाए, गांववालों का दावा- दो दर्जन अब भी आजाद

  • आदमखोर भेड़िये का आतंक जारी
  • कितनों की ली जान?
  • कब शुरू हुआ था भेड़िये का आतंक?

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-02 09:48 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़िये ने तीन साल की बच्ची को अपना शिकार बना लिया (The Wolf kills 3-year-old girl in Bahraich, Uttar Pradesh)। ये बच्ची इस भेड़िये का आठवां शिकार बनी। बहराइच जिले में आदमखोर भेड़िये का आतंक लगातार जारी है। जिसके चलते लोगों के अंदर खौफ बस चुका है। इन गावों में लोग रात भर जगे रहते हैं और अपने घरों की रक्षा करते हैं। हालांकि वन विभाग ने चार भेड़िये पकड़ लिए हैं। लेकिन अब भी दो भेड़िये बाहर घूम रहे हैं। रविवार की रात को भेड़िये ने एक तीन साल की बच्ची को मार दिया। इससे पहले भेड़िये ने एक बच्चे के साथ एक महिला और बुजुर्ग पर हमला करके घायल कर दिया था। बहराइच में भेड़ियों ने अब तक 8 बच्चों के साथ 9 लोगों की जान ले ली है।

कहां कहां किया हमला?

रविवार की रात को भेड़िये ने गरेठी गुरुदत्त सिंह गांव में हमला किया था। जिसमें तीन साल की बच्ची को मारा था। बच्ची पर हमला होने के बाद उसका इलाज करवाया जा रहा था जिसके दौरान उसकी मौत हो गई। इसके अलावा कोटिया गांव में 65 साल की एक बुजुर्ग महिला पर हमला किया था। भेड़िये ने दोनों हमले हरदी थाना इलाका में किए थे। ये दूसरी रात थी जिसमें भेड़ियों ने लगातार हमला किया था।

कितने लोग भेड़िया पकड़ने में लगे?

बहराइच में आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने में 5 वन प्रभावों के लोग लगे पड़े हैं। जिसमें बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी की करीब 25 टीमें शामिल हैं। इन आदमखोर भेड़ियों ने अपना दबदबा दूसरी जगहों तक बढ़ा लिया है। बहराइच के डिएफओ भेड़ियों की संख्या करीब 6 बता रहे हैं। जिसमें अब तक चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है। जिसके बाद अब दो और भेड़ियों की तलाश है। वहीं इलाकों में बसे लोग इनकी संख्या दो दर्जन बता रहे हैं।

कब शुरू हुआ था भेड़िये का आतंक?

भेड़ियों का आतंक औराही गांव से करीब डेढ़ महीने पहले शुरू हुआ था। यहां पर भेड़िये ने पहली बार 7 साल के दो बच्चों पर हमला किया था। वहीं फिरोज नाम के बच्चे पर करीब डेढ़ महीने पहले भेड़ियों के झुंड ने हमला किया था। बच्चा अपनी मां के साथ सो रहा था तभी रात में करीब 12 बजे भेड़िया घर के बरामदे से घुसकर बच्चे की गर्दन दबोचकर खेत की तरफ भागने लगा। इस दौरान उसकी मां ने बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन बचा नहीं पाई। जिसके बाद उसने शोर मचाया तब गांव के लोग एक साथ जुटकर बच्चे को बचाने के लिए भागे। जिसके बाद भेड़िये ने बच्चे को वहीं छोड़ा और वहां से भाग गया। खून से लथपथ बच्चे को परिवार और गांव के लोगों ने अस्पताल में भर्ती किया। 13 दिन तक उसका इलाज चलने के बाद बच्चे की जान बच पाई। हालांकि बच्चे की छाती, चेहरे, गर्दन, सिर, कान और पीठ पर निशान हैं। 

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