फर्जी सर्टिफिकेट मामला: केंद्र सरकार ने समाप्त की पूजा खेडकर की सेवा, कुछ दिन पहले कहा था - यूपीएससी को मुझे हटाने का अधिकार नहीं

  • पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन
  • प्रशासनिक सेवा से तत्काल प्रभाव से किया सेवामुक्त
  • 2023 बैच की ट्रेनी IAS थीं

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-07 17:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा से मुक्त कर दिया है। सरकार ने उनके खिलाफ ये एक्शन IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत लिया है।

हासिल की थी 841वीं रैंक

2023 बैच की ट्रेनी IAS पूजा ने CSE-2022 में 841वीं रैंक हासिल की थी। वो इसी साल जून महीने से ट्रेनिंग कर रही थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण का फायदा उठाने के लिए सिविल सर्विस एग्जाम 2022 में फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर अपने बारे में गलत जानकारी शेयर की थी।

जांच में पाई गई दोषी

इसके बाद यूपीएससी ने अपनी जांच में पूजा को दोषी पाया था और 31 जुलाई को उनके चयन को रद्द कर दिया गया। पूजा पर उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस की परीक्षा देने का आरोप था। सिलेक्शन रद्द होने के बाद पूजा से उनका पद छीन लिया गया। इसके साथ ही उनके भविष्य में UPSC का कोई भी एग्जाम देने पर रोक लगाई गई। 

'यूपीएससी को मुझे हटाने का अधिकार नहीं'

पूजा ने यूपीएससी द्वारा अपने ऊपर एक्शन लेने पर दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि यूपीएससी के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। मेरे सारे डॉक्यूमेंट को 26 मई 2022 को पर्सनैलिटी टेस्ट में आयोग ने वैरिफाई किया था। दरअसल, पूजा की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। जिसमें पूजा ने कहा था कि वो अपनी विकलांगता की जांच एम्स में कराने को तैयार हैं।

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