कोलकाता रेप-हत्या कांड: शांतनु सेन TMC प्रवक्ता पद से बर्खास्त, केस पर हॉस्पिटल के खिलाफ दिया था बयान
- शांतनु सेन को टीएमसी प्रवक्ता पद से हटाया
- आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ दिया था बयान
- मीडिया रिपोर्ट से मिली पद से हटाए जाने की जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शांतनु सेन को कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप कांड पर बोलना भारी पड़ गया। उनकी कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और राज्य स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ की हुई टिप्पणियों के चलते उन्हें पार्टी के प्रवक्ता पद से बर्खास्त कर दिया है। दरअसल, शांतनु सेन ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ बयान देते हुए कहा था कि प्रिंसिपल के खिलाफ बीते तीन सालों से शिकायतें मिल रही थीं। उन्होंने आगे कहा कि जो कुछ भी स्वास्थ्य विभाग में हो रहा है उसके बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ठीक तरह से जानकारी नहीं दे रहे हैं।
बता दें, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज से 31 साल की एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया। जिसके बाद देश में कई जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। 14 और 15 अगस्त की रात अस्पताोल में तोड़फोड़ भी की गई।
टीएमसी नेता को पद से हटाया
शुक्रवार को एक वीडियो संदेश में टीएमसी नेता शांतनु सेन कहा कि उन्हें TMC प्रवक्ता पद से बर्खास्त किए जाने की खबर मीडिया रिपोर्ट से मिली। साथ हीं, सेन का कहना है कि उन्होंने टीएमसी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने कहा- मैं दो बातें कहना चाहूंगा जब भी मैंने प्रवक्ता के तौर पर कोई बयान दिया, मैंने न तो पार्टी (टीएमसी) के खिलाफ बोला और न ही किसी नेता के खिलाफ कुछ बोला। मैं शुरू से जो कह रहा हूं उस पर कायम हूं। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी खबरें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक ठीक तरह से नहीं पहुंचाई जा ही है।
TMC की लड़ाइयों में सिपाही की तरह काम किया- सेन
पूर्व सांसद शांतनु सेन ने आगे कहा,"जब दूसरी पार्टियों के नेता हमारी पार्टी में शामिल होते हैं या दूसरी पार्टियों के जीतने वाले उम्मीदवार हमारे साथ जुड़ते हैं और उन्हें सम्मान दिया जाता है तो बुरा लगता है। पार्टी के एक समर्पित और सच्चे सिपाही को यह सब झेलना पड़ता है।" उन्होंने कहा कहा- मैंने टीएमसी की सभी लड़ाइयों में सिपाही की तरह काम किया है और मैं आज भी उसी तरह काम कर रहा हूं।