कोलकाता कांड: आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल को SC से बड़ा झटका, हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका रद्द

  • हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
  • 24 अगस्त को सौंपा सीबीआई को केस
  • भ्रष्टाचार और रेप-मर्डर मामले को अलग करने की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-06 07:03 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने 6 अगस्त को घोष की वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। दरअसल, कोलकाता हाई कोर्ट ने पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई के हाथों में सौंपने का फैसला सुनाया था। बता दें, घोष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह अपील की थी कि हाई कोर्ट ने CBI को केस देने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को रद्द करते हुए कहा कि एक जनहित याचिका (PIL) पर हाई कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को केस सौंपा था। उसमें आपको पक्ष सुनना जरूरी नहीं था। आपको बता दें कि, संदीप घोष के वकील ने बायोमेडिकल वेस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार मामले की इंक्वायरी को ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप-मर्डर केस की जांच से अलग करने की मांग की थी।

पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज शिकायतें

आरजी कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने संदीप घोष पर लावारिस डेड बॉडी की तस्करी और भ्रष्टाचार समेत कई आरोप लगाए थे। इन मामलों की जांच सीबीआई के हाथ में है। CBI ने संदीप घोष सहित घोष के सिक्योरिटी अफसर अली (44), अस्पताल के विक्रेता बिप्लव सिंघा (52) और सुमन हजारा (46) को हिरासत में लिया था। जानकारी के मुताबिक, यह लोग हॉस्पिटल में सामग्री की आपूर्ति करते थे।

साबीआई को सौंपा केस

आपको बता दें कि, कोलकाता पुलिस ने संदीप घोष के खिलाफ IPC धारा 120B, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा सात के तहत मुकदमा दायर किया था। पूर्व प्रिंसिपल पर 19 अगस्त को केस फाइल किया गया था, जिसके बाद 24 अगस्त को कोलकाता हाई कोर्ट ने CBI को मामला सौंप दिया था।

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