पैरालंपिक विजेता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरालंपिक खिलाड़ियों के साथ की चर्चा, पीएम ने कहा परमात्मा ने आपको कोई एक्स्ट्रा गुण जरूर दिया है
- पैरालंपिक खिलाड़ियों के साथ पीएम मोदी की बातचीत
- आपने व्यक्तिगत जीवन में बहुत संघर्ष किया है -मोदी
- खेल में जय-पराजय का कोई प्रभाव आपके मन पर नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरालंपिक खिलाड़ियों के साथ बातचीत के दौरान कहा, "आपके यहां शायद परमात्मा ने कोई एक्स्ट्रा गुण जरूर दिया है ऐसा मैं अनुभव कर रहा हूं। आपने व्यक्तिगत जीवन में बहुत संघर्ष किया है, हर प्रकार के मुसीबतों से आप गुजरे हुए लोग हैं इसके कारण खेल में जय-पराजय का कोई प्रभाव आपके मन पर नहीं है जो कि बहुत बड़ी बात है।
India's Paralympic champions have set a new benchmark with the highest-ever medal count. It was a delight to interact with them. https://t.co/yLkviuJCaI
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2024
मेंस एसएल 3 सिंगल पैरा बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीतने वाले नितेश कुमार ने कहा,'पैरालंपिक जाने से पहले प्रधानमंत्री से वर्चुअल माध्यम से बात हुई थी। उन्होंने हमसे कहा था कि पेरिस में आपको जिन छोटी-छोटी चीजों की जरूरत होगी, उसका पूरा ख्याल रखा जाएगा और ऐसा हुआ भी। आज वापस आने बाद प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी उपलब्धियों की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद खिलाड़ियों ने कहा पीएम मोदी ने उन्हें अच्छे प्रदर्शन पर बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। खिलाड़ियों ने कहा कि 2028 के पैरालंपिक खेलों में 40 से अधिक पदक आने की पूरी उम्मीद है। आपको बता दें पेरिस में भारतीय पैरालंपिक खिलाडि़यों ने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 29 पदक जीते हैं।
नवदीप सैनी ने पैरालंपिक में जैवलिन थ्रो प्रतिस्पर्धा में रिकॉर्ड 47.32 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीता। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उन्होंने बताया, "थ्रो के दौरान टाइमिंग अच्छी थी, जिसके कारण मेडल मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं आपके माध्यम से देश में एक संस्कृति पैदा करना चाहता हूं। वो संस्कृति ये हैं कि समाज में दिव्यांग को देखने का दृष्टिकोण बदले। वे उनके प्रति सम्मान भाव से देखें..दया भाव से नहीं। ये मिजाज मुझे देश में पैदा करना है। सभी दिव्यांग जनों के लिए समाज में अब एक नया वातावरण पैदा होना शुरू हो चुका है। आप मेडल से माहौल बदल रहे हैं।