वाधवन बंदरगाह: पीएम मोदी ने रखी आधारशिला, जानें 76 हजार करोड़ की लागत से बन रहे इस पोर्ट खासियतें

  • पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में रखी वाधवन पोर्ट की आधारशिला
  • गहरे पानी में स्थित दुनिया के सबसे पोर्ट में है शामिल
  • 76 हजार करोड़ की आएगी लागत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-30 18:26 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार, 30 अगस्त को महाराष्ट्र के पालघर में वाधवन बंदरगाह (Vadhvan Port) की आधारशिला रखी। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 76 हजार करोड़ रुपये हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, महाराष्ट्र का विकास मेरी मुख्य प्राथमिकताओं में शामिल है। आज भारत की प्रगति में महाराष्ट्र बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। यह दुर्भाग्य है कि महाराष्ट्र की विरोधी पार्टियों ने आपके विकास पर हमेशा ब्रेक लगाने का प्रयास किया है। हमारे देश को सालों से दुनिया के साथ व्यापार के लिए एक बड़े और आधुनिक बंदरगाह (पोर्ट) की आवश्यकता थी। इसके लिए महाराष्ट्र का पालघर ही सबसे उपयुक्त जगह है, लेकिन इस प्रोजेक्ट को 60 सालों तक लटका कर रखा गया। इतने जरूरी काम को कुछ लोग शुरू नहीं होने दे रहे थे।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वाधवन बंदरगाह/पोर्ट ((Vadhvan Port)) भारत का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा। यह केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे गहरे बंदगाहों में से एक होगा। पीएम ने आगे कहा कि एक समय भारत पूरी दुनिया में सबसे मजबूत और समृद्ध देशों में गिना जाता था। देश की इस स्थिति की वजह यहां का सामुद्रिक सामर्थ्य है। हमारे देश के इस ताकत को महाराष्ट्र से बेहतर कौन जानेगा? छत्रपति शिवाजी महाराज ने समुद्री व्यापार को, समुद्री शक्ति को एक नई ऊंचाई प्रदान की थी। उन्होंने ऐसी नीतियां बनाई जिनसे देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त हुआ।

वधावन बंदरगाह की खासियतें

  • इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विश्वस्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित करना है, जिससे देश के व्यापारिक विकास में बढोतरी हो।
  • यह भारत का गहरे पानी में स्थित सबसे बड़ा बंदरगाह होगा। आधुनिक तकनीक और बुनियादी ढांचे से लैस इस पोर्ट का मैनेजमेंट सिस्टम भी मॉर्डन होगा।
  • यह बंदरगाह समुद्री परिवहन हेतु सीधा संपर्क प्रदान करेगा, जिससे समय की बचत होगी और लागत में कमी आएगी।
  • इस बंदरगाह से लाखों लोगों को अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष ढंग से रोजगार मिलेगा। साथ ही ये स्थानीय व्यवसायों को प्रोत्साहित कर क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में योगदान देगा।
  • इस प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और कड़े पारिस्थितिक मानकों का पालन करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • इस बंदरगाह में 9 कंटेनर टर्मिनल होंगे, जिनमें से हर एक 1 हजार मीटर लंबा होगा। प्रारंभ होने के बाद यह पोर्ट भारत के समुद्री संपर्क को बढ़ाएगा। साथ ही वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में स्थिति को और मजबूत करेगा।  
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