WB: चीफ सेक्रेटरी अलपन बंद्योपाध्याय रिटायर हुए, ममता ने 3 साल के लिए प्रमुख सलाहकार बनाया, केंद्र ने दिल्ली बुलाया था
WB: चीफ सेक्रेटरी अलपन बंद्योपाध्याय रिटायर हुए, ममता ने 3 साल के लिए प्रमुख सलाहकार बनाया, केंद्र ने दिल्ली बुलाया था
- अगले तीन साल तक मुख्य सलाहकार बने रहेंगे
- अलपन बंद्योपाध्याय रिटायर हुए
- केंद्र सरकार ने अलापन को कारण बताओ नोटिस भेजा था
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। केंद्र और राज्य सरकार के विवाद के बीच पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंद्योपाध्याय सोमवार को अपने पद से रिटायर हो गए। अब उन्हें अगले तीन वर्षों के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया है। एच के द्विवेदी को राज्य का नया चीफ सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। बंधोपाध्याय को केंद्र ने सोमवार सुबह को ही दिल्ली बुलाया था, पर वो नहीं पहुंचे। इसके बाद केंद्र सरकार ने अलापन को कारण बताओ नोटिस भेजा था।
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा ता पत्र
इससे पहले दिन में ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी सरकार बंद्योपाध्याय को रिलीज नहीं कर रही है। पांच पन्नों के पत्र में, बनर्जी ने प्रधानमंत्री से मुख्य सचिव को वापस बुलाने के केंद्र के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। बनर्जी ने कहा कि वह केंद्र के फैसले से हैरान हैं और आदेश को "एकतरफा" करार दिया, जो राज्य सरकार के साथ "बिना किसी पूर्व परामर्श के" जारी किया गया था। ममता बनर्जी ने कहा, केंद्र का यह आदेश राज्य और उसके लोगों के हितों के खिलाफ है।
ममता के मीटिंग में शामिल नहीं होने के बाद शुरू हुआ विवाद
केंद्र ने बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश शुक्रवार को पीएम मोदी की बंगाल में च्रकवात को लेकर समीक्षा बैठक के बाद उठाया था। दरअसल, यास साइक्लोन से प्रभावित इलाकों का एरियल सर्वे करने पश्चिम बंगाल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिव्यू मीटिंग में हिस्सा लिया था। लेकिन इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई। ममता बनर्जी चक्रवात प्रभावित इलाकों के सर्वेक्षण के लिए निकल गईं। इस दौरान मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय भी मौजूद थे।
1987 बैच के आईएएस अफसर हैं बंदोपाध्याय
बता दें कि अलपन बंदोपाध्याय 1987 बैच के आईएएस अफसर हैं। वो हावड़ा समेत कई जिलों के डीएम भी रह चुके हैं। उन्हें पिछले साल सितंबर में राजीव सिन्हा के रिटायर्ड होने के बाद पश्चिम बंगाल का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। उन्हें ममता बनर्जी का करीबी अफसर माना जाता है।