भारत का पहला सोलर विलेज, जहां हर घर के चूल्हे जलते हैं सौर ऊर्जा से

भारत का पहला सोलर विलेज, जहां हर घर के चूल्हे जलते हैं सौर ऊर्जा से

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-05 16:59 GMT
भारत का पहला सोलर विलेज, जहां हर घर के चूल्हे जलते हैं सौर ऊर्जा से
हाईलाइट
  • 74 घर एक साथ हुए रोशन
  • आईआईटी मुंबई के छात्रों ने की मदद
  • केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत हुआ काम

डिजिटल डेस्क, भोपाल। एक तरफ मध्य प्रदेश के लोग बिजली कटौती की किल्लत से जूझ रहे हैं तो दूसरी तरफ बैतूल जिले का एक छोटा सा गांव सोलर विलेज बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। आईआईटी मुंबई और केंद्र सरकार की मदद से बैतूल के बांचा गांव में 74 घरों की जरूरतें सौर ऊर्जा के जरिए पूरी की जा रही हैं। यहां लोग सोलर ऊर्जा के जरिए खना पकाने के साथ ही अपने घरों को रोशन भी कर रहे हैं। 

केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत बांचा गांव में सोलर पैनल लगाए गए हैं। इस गांव के लोग सोलर उपकरणों के जरिए ही अपने घर को रोशन करते हैं। यहां की महिलाएं आईआईटी मुंबई के छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडल का इस्तेमाल कर खाना बनाती हैं। सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद दिसंबर 2018 तक बांचा गांव के सभी घरों को सोलर पैनल से जोड़ दिया गया था। इन्हीं पैनल्स की मदद से अब सभी घरों में बिजली की सप्लाई की जाती है।

लकड़ी काटने नहीं जाना पड़ता जंगल
केंद्र सरकार के इस पायलट प्रोजेक्ट से बांचा गांव के लोग काफी खुश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सोलर प्लांट लगने के कारण उन्हें लकड़ी काटने के लिए जंगल नहीं जाना पड़ता है। सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने के कारण उनके बर्तन भी काले नहीं पड़ते, इससे उनकी मेहनत और समय दोनों बच जाते हैं। इसके पहले भी कई राज्यों की सरकारें सौर ऊर्जा को लेकर योजनाएं लाती रही हैं। बढ़ती जनसंख्या और ऊर्जा के संसाधनों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता के चलते भारत सौर ऊर्जा पर विशेष ध्यान दे रहा है।

 

 

 

 

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