कोविड मामलों में बढ़ोतरी से निपटने में तत्परता बरतें : उपराष्ट्रपति

कोविड-19 प्रोटोकॉल कोविड मामलों में बढ़ोतरी से निपटने में तत्परता बरतें : उपराष्ट्रपति

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-05 12:30 GMT
कोविड मामलों में बढ़ोतरी से निपटने में तत्परता बरतें : उपराष्ट्रपति
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी से निपटने और संक्रमण की पिछली दो लहरों से मिले सबक पर अमल करने की अपील की।

उन्होंने कहा, हमें हर समय कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए इसे अपना धर्म और कर्तव्य मानना चाहिए - मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना, टीकाकरण और खुद को व अपने समुदाय को सुरक्षित रखना।

नायडू ने 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग के टीकाकरण के महत्व के बारे में बात करते हुए नए पात्र आयुवर्ग के बच्चों के माता-पिता से अपने बच्चों को जल्द से जल्द टीका लगाने का आग्रह किया।

उन्होंने सार्वजनिक विचारधारा वाले व्यक्तियों, सामाजिक वकालत समूहों, चिकित्सा पेशेवरों और सरकार से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने और वैक्सीन लेने में झिझक से छुटकारा पाने का आह्वान किया, क्योंकि यही सब भारत में कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में मददगार हैं।

अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (एएपीआई) द्वारा आयोजित 15वें वैश्विक स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन के लिए एक रिकॉर्डेड उद्घाटन संदेश में उपराष्ट्रपति ने भारतीय मूल के चिकित्सा पेशेवरों की दुनिया के हर कोने में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् (दुनिया एक परिवार है) की मान्यता हमारे देश के सभ्यतागत मूल्य की पहचान।

नायडू ने कहा कि विशेष रूप से अमेरिका में भारतीय मूल के चिकित्सकों ने एक शानदार प्रतिष्ठा हासिल की है और उनमें से कई देश में शीर्ष प्रशासनिक पदों पर काबिज हैं।

उन्होंने कहा, वे भारत की मूल्य प्रणाली के सबसे सफल राजदूतों में से हैं।

यह देखते हुए कि भारतीय फर्मो ने हाल ही में स्वीकृत टीके कॉर्बेवैक्स और कोर्वोवैक्स के उत्पादन के लिए अमेरिका आधारित संगठनों के साथ सहयोग किया है, नायडू ने कहा, यह अनुभव स्पष्ट रूप से दिखाता है कि स्वास्थ्य सेवा में भारत-अमेरिका सहयोग न केवल हमारे देश को, बल्कि पूरी दुनिया को लाभ दिला सकता है।

उपराष्ट्रपति ने संदेश में कहा कि शहरी क्षेत्रों में मौजूद स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में प्रौद्योगिकी है, जो रोगियों को आकर्षित करती है।

नायडू ने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य सेवा को ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में बेहतर तरीके से पहुंचाने के लिए टेलीहेल्थ और अन्य तकनीकी समाधानों का उपयोग गंभीरता से किया जाए।

उन्होंने हाल ही में जारी नीति आयोग के राज्य स्वास्थ्य सूचकांक के चौथे संस्करण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तेलंगाना की सराहना की। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि तेलंगाना स्वास्थ्य परिणामों में साल-दर-साल वृद्धिशील प्रदर्शन में शीर्ष तीन राज्यों में भी है।

(आईएएनएस)

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