त्रिपुरा में बाढ़ का कहर, बेघर हुए 600 से ज्यादा परिवार
त्रिपुरा में बाढ़ का कहर, बेघर हुए 600 से ज्यादा परिवार
डिजिटल डेस्क, अगरतला। त्रिपुरा में तेज बारिश और भूस्खलन के बाद अब बाढ़ वहां के लोगों पर अपना कहर बरपा रहा है। पिछले 48 घंटों के दौरान हुई तेज बारिश की वजह से त्रिपुरा के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। चंद्रपुर में बाढ़ के कहर से करीब 600 से ज्यादा परिवार बेघर हो गए। अब ये सैकड़ों परिवार राहत शिविरों में आश्रय लेने के लिए मजबूर हैं। भारी बारिश के कारण चंद्रपुर में हाओरा नदी खतरे के निशान से 0.3 मीटर ऊपर बह रही है। इसी की वजह से आस-पास के इलाकों में सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है।
Chandrapur: Many people have become homeless due to flash flood at the adjoining areas of Howrah river which is flowing 0.3 meter above danger level following incessant rain during the last 48 hours. #Tripura pic.twitter.com/SRtJ6rYH0N
— ANI (@ANI) May 20, 2018
पश्चिम त्रिपुरा जिले के कलेक्टर संदीप महते ने बताया कि रविवार रात सदर और जिरानिया और अगरतला के कई हिस्सों में हुई भारी बारिश के चलते हाओरा नदी का पानी 10.3 मीटर पर बह रहा है जो कि खतरे के स्तर से 0.3 मीटर ऊपर है। बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविर में शिफ्ट कर दिया गया है। पीड़ितों के लिए 16 राहत शिविर बनाए गए हैं। इनमें करीब 670 परिवार रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स, सिविल डिफेंस रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। वहीं प्रशासन ने बाढ़ से बेघर हुए लोगों के लिए पर्याप्त खाद्य आपूर्ति और पेयजल की व्यवस्था की है।
राज्य में शनिवार से लगातार हो रही भारी बारिश ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक पांच हजार से अधिक लोगों ने अपने सामान और पालतू जानवरों के साथ राजधानी अगरतला और इसके आसपास के स्कूलों और सरकारी प्रतिष्ठानों में अस्थायी शिविरों में शरण ली है। वहीं राज्य की प्रमुख नदियों में वॉटर लेवल खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। गोमती, देव, मनु और हाओरा नदी में हर घंटे जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से पूरा राज्य बाढ़ का सामना कर रहा है।
बता दें कि इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब देब बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने पहुंचे थे। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर सरकार की तरफ से हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया था। इसके साथ ही उन्होंने मुआवजे का ऐलान किया था। सीएम बिप्लब देब ने हवाई जहाज से नहीं, बल्कि आम लोगों की तरह पानी में उतर कर जायजा लिया था। और घर-घर जाकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की थी। सीएम ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 5-5 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा भी की थी। सीएम ने बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को पांच लाख और बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए एक लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की थी।
Have declared an ex- gratia compensation of Rs. 5 lac (Rs. 4 lac from SDRF and Rs. 1 lac from CM Relief fund) to the next of the kin of the four victims who lost their lives due to the floods and the landslides in the Mohanpura sub-division of the West Tripura district.
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) May 18, 2018
गौरतलब है कि शुक्रवार को पश्चिमी त्रिपुरा में दो अलग-अलग घटनाओं में लैंड स्लाइड की वजह से कच्चे घर गिरने से एक बच्चे और एक महिला समेत करीब चार लोगों की मौत हो गई थी। तेज बारिश की वजह से भूस्खलन हुआ था। इसकी चपेट में दो घर आए थे। हेजमारा में मिट्टी का घर ढहने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
मृतकों में 40 वर्षीय शनीराम, उसकी 35 वर्षीय पत्नी अमितबाला और उनके तीन साल के बेटे की मौत हुई थी। जबकि उसी परिवार का एक लड़का घायल हो गया था। वहीं हेजमारा में हुए दूसरे हादसे में घर ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।